परमाणु जवाबदेही कानून को `हल्‍का` करने की तैयारी में केंद्र, कैबिनेट बैठक आज । Centre diluting nuclear liability law? Cabinet meet today

परमाणु जवाबदेही कानून को `हल्‍का` करने की तैयारी में केंद्र, कैबिनेट बैठक आज

परमाणु जवाबदेही कानून को `हल्‍का` करने की तैयारी में केंद्र, कैबिनेट बैठक आज ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अमेरिका यात्रा से पहले असैन्य परमाणु जवाबदेही अधिनियम को केंद्र सरकार हल्का करने के मूड में नजर आ रही है।

जानकारी के अनुसार, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक शुक्रवार को होगी जिसमें परमाणु जवाबदेही अधिनियम पर चर्चा की जाएगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, पीएम के यूएस दौरे से पहले इस बात को लेकर विवाद खड़ा हो गया है कि एक समझौते पर हस्‍ताक्षर हो सकता है, जोकि जवाबदेही कानून के अनुरुप नहीं हो सकता है। इस संबंध में आरोप यह भी है कि पीएम अमेरिकी परमाणु कंपनियों को तोहफा देने जा रहे हैं।

सुरक्षा मामलों से संबंधित कैबिनेट कमिटी एक प्रस्‍ताव पर विचार करेगी, जिसमें न्‍यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और अमेरिका आधारित ऑपरेटर वेस्टिंगहाऊस इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच समझौते की बात है। जिक्र योग्‍य है कि भारत को न्‍यूक्लिय रिएक्‍टर बेचने के मद्देनजर अमेरिका असैन्‍य परमाणु जवाबदेही अधिनियम को एक बाधा के रूप में देखता है।
इस कानून के अंतर्गत एनपीसीआईएल को आपूर्तिकर्ता से आंशिक क्षतिपूर्ति लेने का प्रावधान है, यदि उनका रिएक्‍टर किसी परमाणु हादसे का कारण बनता है।

उधर, मनमोहन सिंह की अमेरिका यात्रा से पूर्व विपक्ष ने असैन्य परमाणु जवाबदेही अधिनियम को हल्का करने के कथित कदम के लिए सरकार पर कड़ा हमला बोला और मांग की कि सरकार को कोई ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जो राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करता हो। मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने कहा कि परमाणु दायित्व अधिनियम की कुछ महत्वपूर्ण धाराओं से भारत द्वारा समझौता करने संबंधी खबरें बहुत चिंताजनक हैं। उसने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपनी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान अमेरिकी परमाणु कंपनियों को यह तोहफा देने जा रहे हैं जो देश हित में नहीं है।

पार्टी के राज्यसभा में उप नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि देश की सुरक्षा से समझौता करने वाला कोई फैसला जल्दबाजी में नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि मीडिया में आई यह खबरें कि सरकार इस अधिनियम के अनुभाग (17) बी से समझौता कर सकती है, बहुत ही चिंताजनक है। प्रसाद ने कहा कि संसद द्वारा पारित परमाणु दायित्व अधिनियम का अनुभाग 17 बी परमाणु रिएक्टर बनाने वाले निर्माताओं पर खास जिम्मेदारी डालता है जिसके तहत डिजाइन या निर्माण की खराबी के चलते कोई दुर्घटना होने पर उनके कुछ दायित्व तय किए गए हैं।

वाम सहित विपक्षी दल अटार्नी जनरल गुलाम वाहनवती द्वारा परमाणु ऊर्जा विभाग को दिए गए इस विचार की आलोचना कर रहे हैं जिसमें कहा गया है कि भारत में परमाणु संयंत्र चलाने वाले आपरेटर को यह निर्णय करना है कि वह अनुभाग 17 के तहत ‘राहत के अधिकार’ का उपयोग करना चाहता है या नहीं।

First Published: Friday, September 20, 2013, 10:43

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