Last Updated: Wednesday, May 16, 2012, 17:13
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कहा कि परमाणु ऊर्जा का विकल्प छोड़ना देश के लिए नुकसानदेह होगा। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी सरकार परमाणु बिजली संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं समझता हूं कि अभी हमारी नीति यह है कि परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमें हर सम्भव उपाय करने हैं और इसके साथ हम कभी समझौता नहीं करेंगे। लेकिन यह अध्यादेश जारी करना कि हम बिजली के अतिरिक्त स्रोत के रूप में परमाणु ऊर्जा का विकल्प छोड़ दें, हमारे लिए नुकसानदेह होगा।
लोकसभा में शिवसेना के अनंत गीते के सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने ये बातें कही। गीते ने महाराष्ट्र में जैतापुर संयंत्र को लेकर स्थानीय लोगों के विरोध का मुद्दा उठाने के साथ-साथ जापान में वर्ष 2011 में आए सुनामी के कारण फुकुशिमा परमाणु बिजली संयंत्र के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद वहां परमाणु बिजली उत्पादन को लेकर नीतियों में परिवर्तन की बात कही थी।
इस पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सभी रिएक्टरों की सुरक्षा की जांच की गई है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 19 चालू रिएक्टर हैं और अब तक कोई दुर्घटना नहीं हुई। जापान में सुनामी के कारण फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मैंने सभी रिएक्टरों की सुरक्षा जांच करने के आदेश दिए थे और उसकी रिपोर्ट भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
उन्होंने कहा कि देश को बिजली के अतिरिक्त स्रोत के रूप में परमाणु ऊर्जा का विकल्प अवश्य रखना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम जापान की तरह नहीं हैं, जहां अधिकतर बिजली परमाणु संयंत्रों से पैदा होती है। फ्रांस में भी अधिकतर बिजली परमाणु संयंत्रों से ही पैदा होती है। हमें परमाणु बिजली को अतिरिक्त स्रोत के रूप में रखना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, May 16, 2012, 22:43