Last Updated: Monday, May 6, 2013, 21:20

नई दिल्ली : भाजपा ने सोमवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय में सीबीआई के नए हलफनामे ने साबित कर दिया है कि सरकार ने कोलगेट घोटाले पर एजेंसी की स्थिति रिपोर्ट में उल्लेखनीय तब्दीली की है। उसने कहा कि वह रेल एवं कानून मंत्री के हटने पर ही खाद्य सुरक्षा एवं भूमि अधिग्रहण संबंधी विधेयकों का समर्थन करेगी।
उच्चतम न्यायालय में सीबीआई हलफनामे ने मुख्य विपक्षी पार्टी को सरकार पर हमले का नया मौका दिया। पार्टी ने आरोप लगाया कि कानून मंत्री अश्वनी कुमार के कहने पर स्थिति रिपोर्ट में किए गए फेरबदल ‘नुकसान पहुंचाने वाले’ हैं और कोयला खदान आबंटन मुद्दे पर सरकार को बचाने पर लक्षित हैं।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने सीबीआई हलफनामा के पैरा 19 का जिक्र करते हुए कहा कि मंत्री के कहने पर वह हिस्सा हटा दिया गया जहां जांच एजेंसी ने कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि उन लोगों को किस आधार पर महत्व (वेटेज) दिया गया जिन्होंने खदान करार पाया है।
इसी तरह, ‘ब्रॉडशीट’ कोयला ब्लॉक आवंटन पर सीबीआई रिपोर्ट का हिस्सा थी, लेकिन उन्हें भी हटाया गया। एक और अहम फेरबदल के तहत उस खंड को हटा दिया गया जहां एजेंसी जानना चाहती थी कि सीएजी की ओर से 2004 में सुझाई की निविदा की कसौटी 2010 तक भी क्यों नहीं लागू की गई।
जेटली ने कहा, ‘ये बड़े ही प्रमुख परिवर्तन हैं, जांच कोयला मंत्री और प्रधानमंत्री पर लक्षित थी। एक तरह से, रिपोर्ट संभावित संदिग्ध को दिखाई गई।’
रेलवे में मलाईदार पदों पर नियुक्ति में रिश्वतखोरी मामले में रेलमंत्री पी. के. बंसल के भांजे की कथित संलिप्तता पर भाजपा नेता ने कहा कि जिस तरह फाइले बढ़ती हैं और पैसे का भुगतान होता है उसमें लय होती है।
जेटली ने कहा, ‘जिस व्यक्ति को रिश्वत दी गई वह सियासत और कारोबार में रेलमंत्री का अंतरंग है।’ उन्होंने सवाल किया, ‘क्यों किसी अजनबी को रिश्वत अदा की जाएगी।’
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने शोर-शराबे के बीच खाद्य सुरक्षा विधेयक पारित कराने की सरकार की कोशिश पर अपनी नाराजगी जताई।
सुषमा ने कहा कि भाजपा इस विधेयक और भूमि अधिग्रहण विधेयक को पारित कराना चाहती है, लेकिन यह तभी संभव है जब बंसल और कुमार इस्तीफा दें। (एजेंसी)
First Published: Monday, May 6, 2013, 16:22