Last Updated: Thursday, January 17, 2013, 17:20

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: मौलवी व धर्मगुरु ताहिर उल कादरी के आंदोलन से इस समय पाकिस्तान में सियासी संकट गहरा गया है। पाक सरकार को सत्ता छोड़ने और प्रांतीय विधानसभाओं तथा संसद को भंग करने के लिए आवाज बुलंद करने वाले कादरी ने पिछले साल गुजरात का दौरा किया था।
एक अंग्रेजी अखबार में गुरुवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल फरवरी माह में मौलाना कादरी गुजरात में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में राज्य अतिथि के तौर पर आए थे। गुजरात में अपने अतिथिकाल के दौरान सूफी विद्वान कादरी ने दो घंटे तक भाषण दिया था, जिसमें उन्होंने भगवत गीता और कुरान के सार तत्व की चर्चा की थी।
उस समय कादरी को मोदी सरकार ने खास सुरक्षा प्रदान की थी, साथ ही भाजपा के बड़े नेताओं ने भी मौलवी के कार्यक्रम में शिरकत की थी। उन्होंने उस समय मोदी को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए धन्यवाद भी कहा था। कनाडा और पाकिस्तान की नागरिकता रखने वाले इस मौलवी ने अपने धार्मिक और सामाजिक संगठन मिनहाज उल कुरान के भारतीय मुख्यालय के लिए गुजरात के वडोदरा के कर्जन को चुना है।
दुनिया भर में शैक्षणिक और धार्मिक संगठन का नेटवर्क चलाने वाले कादरी हिंदु धर्म आदि के बारे में खासा ज्ञान रखते हैं। जिससे उनका धर्मनिरपेक्ष व्यक्तित्व झलकता है। गुजरात में मुस्लिमों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने सकारात्मक सलाह भी दिया था। इस भाषण के दौरान बीजेपी के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह चुडास्ता भी मौजूद थे।
चुडास्मा ने कादरी को मृदुभाषी व्यक्तित्व करार दिया था, जिन्होंने जेहादी कट्टरपंथ को नकारते हुए सामाजिक और सांप्रदायिक सौहार्द्र पर बल दिया था। ज्ञात हो कि कादरी इस समय पाक के सत्ता प्रतिष्ठान को अपने भाषणों और रैली के जरिये खासी चुनौती दे रहे हैं। बुधवार को उन्होंने पाक के प्रधानमंत्री परवेज अशरफ को पद से हटने के लिए अल्टीमेटम दिया था। इस आंदोलन में कादरी को पाकिस्तान की जनता का भी अपार समर्थन मिल रहा है।
First Published: Thursday, January 17, 2013, 17:20