Last Updated: Friday, March 15, 2013, 18:02
जयपुर : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अफजल गुरु के शव उसके परिजनों को सौंपे जाने के लिए पाकिस्तान की संसद में पारित प्रस्ताव की कड़े शब्दों में भर्त्सना करते हुए कहा कि यह भारत के आंतरिक मामलों के साथ देश की सम्प्रभुता और सार्वभौमिकता पर सीधा हस्तक्षेप है।
आरएसएस के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले आज जामडोली में शुरू हुई तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा में हुए विचार विमर्श की जानकारी संवाददाताओं को दे रहे थे। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो पाकिस्तान मुंबई आंतकी घटनाओं में शामिल अजमल कसाब और 12 पाकिस्तानी आतंकवादियों के शवों को लेने से मना करता है। वहीं दूसरी ओर अफजल गुरु के मामले में हस्तक्षेप करता है। इससे पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने आया है।
उन्होंने राम मंदिर निर्माण के बारे में कहा कि इस मामले में देशभर के संत, महात्मा और धर्माचार्यों ने महाकुंभ में संत सम्मेलन में मंदिर निर्माण का संकल्प दोहराया है। उन्होंने दावा किया कि ढांचा गिरने के बाद बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी ने कहा था कि यदि यहां मंदिर था, यह सिद्ध हो जाता है तो हम यह स्थान मंदिर के लिए छोड़ देंगे।
उन्होंने कहा कि अब उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यह सिद्ध हो गया है कि वहां मंदिर था। ऐसे में सरकार को संसद में कानून बनाकर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। होसबोले ने बताया कि अखिल भारतीय प्रतिनिधी सभा का उद्घाटन सरसंघचालक मोहन भागवत एवं सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने किया। सभा में संघ के गत वर्ष के कार्य की समीक्षा संख्यात्मक, गुणात्मक तथा प्रभावात्मक आधार पर की जाएगी तथा आगामी लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे और विविध क्षेत्रों में किये जा रहे कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाएगा। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 15, 2013, 18:02