Last Updated: Tuesday, December 11, 2012, 00:05

नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि पाकिस्तान में अब भी अपनाने की प्रकृति नहीं है और इस वजह से वहां रहने वाले हिन्दू और सिख अल्पसंख्यकों के लिए दुखदायी स्थिति बनी हुई है।
यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 85 वर्षीय आडवाणी ने 1947 में बंटवारे के दौरान भारत आए विस्थापित और पाकिस्तान गए विस्थापितों की वर्तमान स्थिति की तुलना करते हुए कहा कि भारत में मेलजोल और ग्रहण करने की प्रकृति है जबकि पाकिस्तान चीजों को अलग करके देखता है। पाकिस्तान इन्हें खुद में अवशोषित नहीं करता। भाजपा नेता ने कहा कि जहां उन्हें और उनके परिवार को भारत के लोगों ने अपना लिया, वहीं जो लोग पाकिस्तान गए थे उन्हें अब भी वहां मुहाजिर के अपमानजनक नाम से बुलाया जाता है। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, December 11, 2012, 00:05