पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण के पक्ष में रहमान खान

पिछड़े मुस्लिमों को आरक्षण के पक्ष में रहमान खान

नई दिल्ली : अल्पसंख्यक मामलों के नए मंत्री के रहमान खान उप कोटा मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की आपत्ति के बावजूद पिछड़े मुसलमानों और उनके साथ साथ दलित ईसाइयों तथा दलित मुसलमानों को भी आरक्षण देने के पक्ष में हैं।

खान का इरादा देश भर में वक्फ प्रशासन में सुधार का भी है और इसके लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक संशोधित विधेयक लाने का भी है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रभार कल ग्रहण कर चुके खान ने प्रेस ट्रस्ट से कहा कि आरक्षण हालांकि सभी समस्याओं का हल नहीं है लेकिन यह उन लोगों के लिए सही है जो पिछड़े हुए हैं या भेदभाव के शिकार रहे हैं।

मुसलमानों के लिए 4.5 फीसदी उप कोटे पर न्यायालय के प्रतिकूल फैसले से अप्रभावित खान को लगता है कि यह आदेश सरकार की ओर से हुईं कुछ खामियों के चलते आया है और यह उप कोटे के प्रस्ताव को दरअसल खारिज नहीं करता है। आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा अल्पसंख्यक उप कोटा खारिज किए जाने के बारे में खान ने कहा कि यह गलतफहमी है। न्यायालय ने कोटा खारिज नहीं किया। न्यायालय ने सिर्फ यह कहा कि पिछड़ेपन का पता लगाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक और केरल में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में मुसलमानों के पिछड़ेपन के बारे में पता लगाने के लिए किए गए व्यापक सर्वेक्षणों के निष्कर्षों के आधार पर वहां अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिया गया।

खान ने कहा कि मुझे लगता है कि :4.5 फीसदी उप कोटा के बारे में: कुछ तकनीकी खामियां थीं जिनकी ओर उच्चतम न्यायालय और आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के फैसलों में संकेत किया गया। मेरा मंत्रालय फैसलों का व्यापक अध्ययन करेगा और उन तकनीकी कारणों का पता लगाएगा जिन पर न्यायालय ने आदेश में सवाल उठाया था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, October 30, 2012, 13:24

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