Last Updated: Friday, January 13, 2012, 04:34
नई दिल्ली: पिछले साल पोलियो मुक्त रहने के साथ ही भारत ने मील का पत्थर हासिल किया है। वर्ष 2011 में पोलियो का एकमात्र मामला पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के पंचला प्रखंड में दो वर्षीय लड़की के रुप में सामने आया।
स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘हम इस समय उत्साहित और आशापूर्ण होने के साथ ही सतर्क भी हैं।’
आजाद ने एक बयान में कहा कि हम उत्साहित और आशावान हैं। साथ ही हम चौकन्ने और सजग भी हैं।
उन्होंने कहा कि पोलियो को लेकर लापरवाही के लिए कोई जगह नहीं हैं। हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि अगले तीन वर्षो में पोलियो का पूरी तरह से उन्मूलन कर दिया जाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वर्ष 2009 में दुनिया भर में पोलियो के जितने मामले आए, उसके लगभग आधे यानी 741 पोलियो के मामले भारत में हुए थे। पिछले दो वर्षो की अवधि में पोलियो रोकथाम की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि है।
आजाद ने कहा कि भारत ने पल्स पोलियो कार्यक्रम पर 12,000 करोड़ रुपए से ज्यादा रकम खर्च की है। जनवरी 2010 में बाईवेलन्ट पोलियो वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू किया गया। दुनियाभर में इस वेक्सीन की कमी के बावजूद भारत ने घरेलू बाजार से ही सही समय पर यह दवा प्राप्त की।
(एजेंसी)
First Published: Friday, January 13, 2012, 13:31