Last Updated: Friday, August 30, 2013, 13:31

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रुपये के अवमूल्यन और देश की अर्थव्यवस्था के बारे में आज दोपहर 12 बजे बयान दिया। भाजपा, अकाली दल, अन्नाद्रमुक और वाम दलों के सदस्यों ने उनके बयान से असंतोष जताया और सदन से वाकआउट किया।
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के लगभग सभी सदस्य हाथों में पोस्टर लिए आसन के समक्ष आकर देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति के लिए प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए नारे लगाने लगे। वे ‘प्रधानमंत्री इस्तीफा दो’ और ‘रुपया बचाओ, भारत बचाओ’ के नारे लगा रहे थे। तेदेपा और कांग्रेस के कुछ सदस्य भी आसन के सामने आकर एकीकृत आंध्र की मांग को लेकर नारे लगाने लगे।
इसी शोरशराबे के बीच जनता दल यू नेता शरद यादव ने स्वयंभू धर्मगुरू आसाराम बापू के समर्थकों द्वारा उनके निवास पर कल किए गए प्रदर्शन का मामला उठाया। राजद के लालू प्रसाद, रघुवंश प्रसाद सिंह और प्रभुनाथ सिंह भी आसन के सामने आकर बिहार में बाढ़ की स्थिति के चलते लोगों की परेशानियों का मुद्दा उठाते देखे गए। हंगामा थमते न देख अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए पौन बजे तक स्थगित कर दी।
दोपहर 12:45 बजे लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू होते ही तेदेपा और कांग्रेस के कुछ सदस्य एकीकृत आंध्र प्रदेश की मांग के समर्थन में नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गये। राजद के सदस्य बिहार में बाढ का मामला उठा रहे थे। अन्नाद्रमुक सदस्य भी सुबह की तरह तमिल मछुआरों पर कथित हमले के मामले को उठा रहे थे। हंगामा थमता नहीं देख पीठासीन सभापति एम थंबिदुरै ने सदन की कार्यवाही अपराह्न 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले तेदेपा और कुछ कांग्रेस सदस्यों द्वारा एकीकृत आंध्र के मुद्दे तथा अन्नाद्रमुक सदस्यों द्वारा तमिल मछुआरों पर कथित हमले के मामले को लेकर किए गए हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज शुरू होने के कुछ ही देर बाद 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी।
सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही सीमांध्र से तेदेपा सदस्य हाथों में प्लेकार्ड लिए हुए एकीकृत आंध्र का मुद्दा उठाने लगे। प्लेकार्ड पर लिखा था, ‘आंध्र प्रदेश बचाओ।’ प्रश्नकाल शुरू होने पर कुछ तेदेपा सदस्यों ने ‘हम एकीकृत आंध्र प्रदेश चाहते हैं’ के नारे लगाने शुरू कर दिए। कुछ कांग्रेसी सदस्य भी यही मांग उठा रहे थे। उसी दौरान, अन्नाद्रमुक सदस्य भी तमिल मछुआरों पर श्रीलंकाई नौसेना के कथित हमले का मामला उठाते हुए आसन के समक्ष आ गए। सदस्य केंद्र सरकार पर तमिल मछुआरों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाने का आरोप लगा रहे थे। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 30, 2013, 12:04