Last Updated: Thursday, September 19, 2013, 15:01

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अमेरिका दौरे से पूर्व परमाणु दायित्व कानून पर एक विवाद खड़ा हो गया क्योकि एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान एक समझौता किया जायेगा जो संभवत: इस संबंध में तय कानून के अनुरुप नहीं होगा।
सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति एक प्रस्ताव पर विचार करेगी जिसके तहत न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और अमेरिका स्थित आपरेटर वेस्टिंग हाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच समझौता होगा। अमेरिका, परमाणु आपदा लोक दायित्व कानून को भारत को परमाणु रिएक्टर बेचने की दिशा में एक अवरोध के रूप में देखता है।
रिएक्टर के परमाणु दुर्घटना में शामिल होने की स्थिति में कानून एनपीसीआईएल को आपूर्तिकर्ता से आंशिक मुआवजा लेने की अनुमति देता है। बहरहाल, परमाणु उर्जा विभाग को दिए गए सुझाव में समझा जाता है कि अटार्नी जनरल जी ई वाहनवती ने कहा कि परमाणु संयंत्र परिचालक पर निर्भर करता है कि किसी दुर्घटना की स्थिति में वह आपूर्तिकर्ता के दायित्व से संबंधित कानून की धारा 17 लागू करेगा। (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 19, 2013, 15:01