Last Updated: Sunday, January 1, 2012, 15:00
नई दिल्ली : टीम अन्ना ने रविवार को अमृतसर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को काला झंडा दिखाये जाने का यह कहते हुए बचाव किया कि यह मजबूत लोकपाल के लिए लोगों की मांग को दर्शाता है।
टीम अन्ना की सदस्य किरण बेदी ने पूछा कि क्या वह प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रदर्शन को सही मानती हैं। तब उन्होंने कहा, काला झंडा दिखाना कानून के दायरे में है। अतएव यह वैध विरोध है। नये साल के अवसर पर अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अपना मत्था टेकने के बाद जब सिंह बाहर आए जब भ्रष्टाचार विरोधी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के समर्थकों ने उन्हें काला झंडा दिखाया।
हालांकि अन्ना पक्ष की अन्य सदस्य शाजिया इल्मी ने इस बात से इनकार किया कि प्रदर्शनकारी इंडिया एगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के कार्यकर्ता थे। आईएसी मजबूत लोकपाल कानून बनाने की मांग को लेकर मुहिम चला रही है।
इल्मी ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, मैं नहीं मानती कि यह टीम अन्ना के इशारे पर हुआ लेकिन लोग जो अनुभव करते हैं और एहसास करते हैं, यह उसी का परिलक्षण है। मेरा अनुमान है कि यह लोगों के मूड का परिणाम है क्योंकि वे कठोर भ्रष्टाचार निरोधक कानून चाहते हैं और यह हो नहीं रहा।
इल्मी ने चेतावनी दी कि अन्य दलों को भी भविष्य में ऐसे स्थिति से दो चार होना पड़ सकता है क्योंकि लोग हाल के घटनाक्रम से नाराज हैं। अन्ना ने कमजोर लोकपाल विधेयक के खिलाफ अपना आंदोलन पिछले सप्ताह वापस ले लिया था और कहा था कि वह अगले दो महीने के दौरान पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ अभियान चलायेंगे।
टीम अन्ना अपने आंदोलन की भावी रणनीति तय करने के लिए शनिवार को रालेगणसिद्धी में बैठक होनी थी लेकिन अन्ना को अस्पताल में भर्ती कराये जाने के बाद यह बैठक रद्द कर दी गयी। (एजेंसी)
First Published: Monday, January 2, 2012, 00:49