Last Updated: Thursday, August 30, 2012, 18:50

नई दिल्ली: भाजपा ने आज प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि कोयला ब्लाक आवंटन के बारे में संसद में दिए अपने बयान में सचाई बताने में उन्होंने कंजूसी बरती है।
पार्टी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री ने तत्कालीन भाजपा शासित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियोंे पर आरोप लगाया कि वे केन्द्र के 2007 के उस प्रस्ताव के विरूद्ध थे जिसमें प्रतिस्पर्धी बोली के ज़रिए कोयला ब्लाक आवंटन का सुझाव दिया गया था।
उन्होंने कहा, लेकिन सिंह ऐसा कहते हुए इस बात को छिपा गए कि स्वयं केन्द्र भी इसके पक्ष में नहीं था। इस संदर्भ में प्रसाद ने 28 नवंबर 2007 में लोकसभा में तत्कालीन कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव के एक लिखित उत्तर का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि उस उत्तर में दलील दी गई थी, ‘केन्द्र का विचार है कि कोल इंडिया लिमिटेड के अधिसूचित मूल्य से तुलना करने पर युक्तिसंगत बोली से कोयले के दाम नहीं बढ़ेंगे।’ भाजपा प्रवक्ता ने कहा, यह इस बात का सुबूत है कि 2007 में केन्द्र ने कोयला ब्लाकों की नीलामी का फैसला तो किया लेकिन बाद में वह अपने ही इस प्रस्ताव को दबा कर बैठ गया।
उन्होंने कहा कि उक्त तथ्य को देखते हुए स्पष्ट है कि सिंह की यह बात सही नहीं है कि भाजपा शासित राज्यों की आपत्ति के चलते कोयला ब्लाकों का आवंटन प्रतिस्पर्धात्मक बोली के जरिए किए जाने के फैसले को लागू करने में विलंब हुआ।
प्रसाद ने कहा, ‘‘ यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री ने संसद में दिए अपने बयान में सचाई को सामने रखने में कंजूसी बरती।’’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 30, 2012, 18:50