Last Updated: Sunday, July 1, 2012, 16:06
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कार्यालय के पास अगस्त 2007 और जुलाई 2008 के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और 2जी घोटाले में आरोपी तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए. राजा के बीच हुई बैठकों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
दीपक सलूजा द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन का जवाब देते हुए शीर्ष कार्यालय ने बैठकों का ब्यौरा प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी विशेष सुरक्षा दस्ते (एसएपीजी) को सौंप दी जिसे आरटीआई अधिनियम के तहत बैठकों का ब्यौरा प्रस्तुत करने से छूट मिली हुई है। मानवाधिकार उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों को छोड़कर आरटीआई अधिनियम के तहत किसी भी तरह के खुलासे से छूट प्राप्त एसपीजी ने अधिनियम के छूट प्रावधान का हवाला देकर सूचना देने से इनकार कर दिया।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने सूचना मुहैया कराने के लिए आवेदन दूरसंचार विभाग को भी भेजा, लेकिन इसे इस उल्लेख के साथ वापस भेज दिया गया कि आवेदन का जवाब देने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री कार्यालय की है। एसपीजी और दूरसंचार विभाग द्वारा सूचना मुहैया कराए जाने से इनकार किए जाने के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित एक और छूट प्रावधान का उल्लेख करते हुए जानकारी उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया और कहा, ‘‘यह रुख लगातार रहा है कि मुलाकात से संबंधित ब्यौरे का खुलासा नहीं किया जाए।’
सूचना मुहैया कराए जाने से इनकार के बाद सलूजा ने केंद्रीय सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया और आग्रह किया कि उसे सूचना उपलब्ध कराई जानी चाहिए। एमएल शर्मा और दीपक संधु की पीठ ने मामले की सुनवाई की जहां प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी संयुक्त राय ने उल्लेख किया कि उसके पास ए. राजा और प्रधानमंत्री के बीच मुलाकात के कोई रिकॉर्ड नहीं हैं। हालांकि, यह पूरी तरह संभव है कि एसपीजी के पास इस तरह के रिकॉर्ड हों। दलीलों के बाद सीआईसी ने एसपीजी के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी को नोटिस जारी कर पीठ के समक्ष विस्तृत रूप से अपना मामला पेश करने को कहा। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 1, 2012, 16:06