Last Updated: Wednesday, September 28, 2011, 15:51

जी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने इस साल मार्च महीने में कथित तौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक पत्र लिखा था, जिसमें पीएमओ को उनके मंत्रालय की तरफ से भेजे गए टूजी नोट को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है. नोट में इस बात का सुझाव दिया गया था कि पी. चिदंबरम ने बहुमूल्य स्पेक्ट्रम की नीलामी करने के मद्देनजर पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा मजबूर को करने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल नहीं किया था.
मुखर्जी ने कथित तौर पर प्रधानमंत्री को लिखे अपने चार पन्नों को चिट्ठी में यह जिक्र किया था कि यह नोट पीएमओ सहित विभिन्न मंत्रालयों से मिली जानकारी के आधार पर तैयार किया गया था. पत्र में वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि नोट को लिखने का निर्णय 14 व 15 मार्च को वित्त, दूरसंचार, और कानून मंत्रालय के अधिकारियों के बीच हुए बैठक के बाद लिया गया था और पीएमओ को इसकी जानकारी थी. इसके अलावा, कैबिनेट सचिव को भी इस नोट के बारे में पता था, वित्त मंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि इस नोट को पीएमओ के द्वारा आरटीआई के माध्यम से कैसे जारी किया गया जबकि यह एक विशेष दस्तावेज़ था. राजनीतिक तौर भड़काऊ यह नोट सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त किया गया और पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में इसे प्रस्तुत किया गया.
प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले वित्त मंत्रालय की आरे से पीएमओ को गए 25 मार्च वाले नोट के अनुसार, चिदंबरम जो तब वित्त मंत्री थे, यदि इस मामले में सख्त कदम उठाते और अपने स्टैंड पर अड़ते तो हजारों करोड़ रुपये के प्रकल्पित नुकसान को रोका जा सकता था. "
जब से यह टूजी नोट सार्वजनिक हुआ है, तभी से एक राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ है. इस नोट के चलते सत्तारूढ़ पार्टी के दो दिग्गजों के बीच दरार जैसी बातें जोर पकड़ी हैं. बहरहाल, सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह दोनों चिदंबरम का समर्थन कर रहे हैं और कांग्रेस अध्यक्षा ने सभी पार्टी नेताओं से गृह मंत्री का समर्थन करने का आह्वान कियाहै.
First Published: Wednesday, September 28, 2011, 21:21