Last Updated: Wednesday, October 12, 2011, 06:02
जी न्यूज ब्यूरो श्री हरिकोटा : जलवायु पर निगरानी रखने वाले उपग्रह के साथ तीन अन्य उपग्रहों को लेकर दुनिया का सबसे छोटा उपग्रह पीएलएलवी- सी18 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना हो गया। यह उपग्रह अपनी परिधि पर पृथ्वी की 15 बार परिक्रमा करेगा। इससे बाढ़, सूखा, आपदा प्रबंधन और दूरसंचार क्षेत्र से जुड़े विषयों पर सूचनाएं एकत्र करने में मदद मिलेगी।
इस रॉकेट के साथ भारतीय-फ्रांसीसी उष्णकटिबंधीय मौसम उपग्रह मेघा-ट्रॉपिक्यूज और तीन अन्य छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित किया गया है। साल 1993 के बाद से यह 50वां उपग्रह प्रक्षेपण है। इस धुव्रीय उपग्रह प्रक्षेपण यान- सी18 (पीएसएलवी-सी18) तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से 80 किलोमीटर दूर स्थित श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया गया। प्रक्षेपण यान को सुबह 11 बजे छोड़ा गया।
अब तक पीएसएलवी के 49 उपग्रह प्रक्षेपणों में से 48 प्रक्षेपण सफल रहे हैं। आज के प्रक्षेपण के बाद पीएसएलवी के 50 उपग्रह प्रक्षेपणों में यह संख्या 49 हो गई है। मेघा ट्रॉपिक्यूज को उष्णकटिवंधीय क्षेत्रों की जलवायु व पर्यावरण में होने वाले बदलावों के अध्ययन के लिए प्रक्षेपित किया गया है । इसके साथ ही भारत इस तरह का अंतरिक्ष मिशन शुरू करने वाला दुनिया का दूसरा राष्ट्र बन गया । यह उपग्रह पृथ्वी की कक्षा से 800 किलोमीटर नीचे दिखेगा।
आईआईटी कानपुर के निदेशक एस.जी. धांडे ने बताया, ‘यह आठ सेंटीमीटर चौड़ा और 30 सेंटीमीटर लम्बा सूक्ष्म उपग्रह है जिसके माध्यम से बाढ़, सूखा, आपदा प्रबंधन और दूरसंचार से जुड़े विषयों पर सूचनाएं एकत्र की जा सकेंगी।’ करीब 2.5 करोड़ रूपये की लागत से तैयार इस उपग्रह में माइक्रो इमेजिंग कैमरा लगा है जिससे बाढ़, सूखा और अन्य आपदाओं के बारे में सुस्पष्ट चित्र लिये जा सकें. यह उपग्रह जीपीएस प्रणाली से युक्त है।’
First Published: Thursday, October 13, 2011, 09:51