Last Updated: Wednesday, October 12, 2011, 11:15
नई दिल्ली : भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चीनी कर्मियों की उपस्थिति पर चीन को अपनी चिंताओं से अवगत कराया और कहा कि वह किसी भी चुनौती से निबटने के लिए अपनी क्षमताओं को निरंतर सुदृढ़ कर रहा है।
रक्षा मंत्री एके एंटनी ने बुधवार को यहां नौसैनिक कमांडर सम्मेलन से इतर पत्रकारों से कहा कि हमने अपनी चिंताओं से चीन को अवगत कराया है और इसी के साथ किसी भी चुनौती से निबटने के लिए हम पूर्वी सेक्टर में अपनी क्षमताओं को निरंतर सुदृढ़ कर रहे हैं। एंटनी ने पाक अधिकृत कश्मीर में चीनी उपस्थिति के बारे में सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह बहुत साल से है, हम चरणबद्ध रूप से (पूर्वी सेक्टर में) अपनी क्षमताओं को सुदृढ़ कर रहे हैं। वियतनाम के निकट दक्षिण चीन सागर में भारतीय उपस्थिति पर चीनी आपत्ति पर एंटनी ने कहा कि अब (वियतनाम के साथ) शिष्टमंडलीय स्तर पर हमारी वार्ता चल रही है। जब प्रधानमंत्री वियतनामी राष्ट्रपति से चर्चा कर रहे हैं तो मेरे लिए इस पर कोई टिप्पणी करना सही नहीं होगा।
एंटनी ने कहा कि भारत की रुचि सिर्फ पोतों के बेरोक-टोक आवागमन और निर्बाध व्यापार में है। बड़े पैमाने पर वहां (दक्षिण चीन सागर में) भारत के जाने का सवाल नहीं उठता। हम वहां अभ्यास और पोतों के बेरोक-टोक आवागमन एवं निर्बाध व्यापार के लिए जाएंगे। एंटनी ने कहा कि वहां किसी नौसैनिक उपस्थिति का कोई सवाल नहीं उठता,यह हमारी मंशा नहीं है। हमारा मुख्य सरोकार अपने हितों के प्रमुख क्षेत्रों की रक्षा करना है। विमानवाहक पोत एडमिरल गोर्शकोव के संबंध में उन्होंने कहा कि यह अगले साल के अंत तक मिल जाएगा।
उन्होंने कहा कि आईएनएस विक्रमादित्य 2012 के अंत के आसपास आएगा। यह निश्चित है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (एएफएसपीए) पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 12, 2011, 16:45