Last Updated: Sunday, February 5, 2012, 03:26
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की परास्नातक पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा में कुछ केंद्रों पर धांधली की खबरों के मद्देनजर परीक्षा को रद्द करने की याचिका पर संस्थान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने एम्स से उन सभी 156 केंद्रों पर हुई परीक्षा से संबंधित रिकार्ड एक सप्ताह के भीतर दाखिल करने को कहा है जहां आठ जनवरी को प्रवेश परीक्षा आयोजित की गयी थी।
अभ्यर्थियों के एक समूह की याचिका पर अदालत ने यह निर्देश दिया है। उम्मीदवारों का आरोप है कि नोएडा समेत अनेक केंद्रों से धोखाधड़ी आदि की खबरें आई हैं जो एक बड़े घोटाले का हिस्सा हैं।
मामले में व्यापक जांच का अनुरोध करते हुए छात्रों ने अदालत से गुहार लगाई है कि अखिल भारतीय परास्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा कराने वाले एम्स को आठ जनवरी को हुई परीक्षा निरस्त कराकर नये सिरे से इसका आयोजन करना चाहिए।
छात्रों ने अपने अनुरोध में कहा कि केंद्र सरकार को एक प्रणाली बनानी चाहिए जिसमें भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति होने से रोकी जा सके।
एम्स के वकील ने न्यायमूर्ति कोहली के समक्ष कहा कि केवल नोएडा केंद्र में गड़बड़ी सामने आई और तीन लोगों के पास कुछ इलेक्ट्रानिक उपकरण मिले थे।
वकील ने बताया कि जांच का काम दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य सभी 155 केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई। वकील की दलील सुनने के बाद न्यायमूर्ति कोहली ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 10 फरवरी की तारीख मुकर्रर की।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, February 5, 2012, 08:56