पीड़िता के पिता की इच्छा, दुनिया जाने उनकी बेटी का असली नाम| Delhi rape victim`s father wants world to know his daughter’s name

पीड़िता के पिता की इच्छा, दुनिया जाने उनकी बेटी का असली नाम

पीड़िता के पिता की इच्छा, दुनिया जाने उनकी बेटी का असली नामलंदन : दिल्ली में 16 दिसंबर को चलती बस में गैंगरेप की शिकार हुई 23 वर्षीय पैरा-मेडिकल छात्रा के पिता का कहना है कि वह चाहते हैं कि दुनिया उनकी बेटी का असली नाम जाने ताकि इस तरह के हमलों का शिकार होने वाली महिलाओं को लड़ने का साहस मिले। उन्होंने सभी छह ‘पाशविक’ आरोपियों को मौत की सजा दिये जाने की मांग की।

उल्लेखनीय है कि छात्रा का बलात्कार करने के बाद छह आरोपियों ने उसे बुरी तरह मारा-पीटा था। करीब दो सप्ताह तक जीवन के लिए संघर्ष करने के बाद इस लड़की की सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई। भारतीय कानून में इजाजत नहीं होने के कारण भारतीय मीडिया इस पूरी घटना में लड़की का नाम लेने और उसकी पहचान उजागर करने से बच रहा है। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के बाद उसे सिंगापुर भेजा गया था जहां शनिवार 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में अपने पैतृक गांव में छात्रा के 53 वर्षीय पिता ने ‘द संडे पीपुल’ और ‘द डेली मिरर’ के रविवारीय संस्करण से कहा, ‘हम चाहते हैं कि दुनिया उसका वास्तविक नाम जाने। मेरी बेटी ने कुछ गलत नहीं किया है, उसकी जान खुद की रक्षा करते हुए गई है। मुझे उसपर गर्व है। उसका नाम उजागर करने से ऐसे हमलों को झेलने वाली लड़कियों का साहस मिलेगा। उन्हें मेरी बेटी से ताकत मिलेगी।’

छात्रा का शोकाकुल परिवार दिल्ली स्थित अपने घर से फिलहाल अपने गांव चला गया है। छात्रा के पिता ने कहा, ‘पहले मैं इसके लिए जिम्मेदार लोगों को सामने से देखना चाहता था लेकिन अब मैं ऐसा बिल्कुल नहीं चाहता। मैं बस सुनना चाहता हूं कि अदालत ने उन्हें सजा दी है और उन्हें फांसी दे दी गई।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सभी छह आरोपियों के लिए मौत की सजा चाहता हूं। ये लोग पशु हैं। इन्हें उदाहरण बनाया जाना चाहिए और समाज में ऐसी घटनाएं नहीं होने देना चाहिए।’

उन्होंने कहा कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ वह बहुत ही वीभत्स था ‘और मैं चाहता हूं कि कभी भी किसी को उसकी तरह की पीड़ा से ना गुजरना पड़े।’ लड़की के पिता ने बताया कि पीड़िता का दोस्त उसका ‘प्रेमी’ नहीं था बल्कि हिम्मती दोस्त था जिसने उसकी जान बचाने की कोशिश की।
पिता ने कहा, ‘उसकी शादी का कोई प्रश्न नहीं था क्योंकि हम अलग-अलग जाति से ताल्लुक रखते हैं। उसने कभी शादी की इच्छा नहीं जताई थी। वह अपने पढ़ाई पर ध्यान दे रही थी और सबसे पहले नौकरी चाहती थी।’

उन्होंने बताया कि उनकी लड़की अक्सर यह बताती थी कि किस तरह से उसके मित्र ने उसे बचाने का प्रयास किया। यह शोकाकुल पिता अब आशा करता है कि सभी माता-पिता अपने बच्चों को महिलाओं का सम्मान करना सिखाएं। उन्होंने कहा, ‘सिर्फ पुलिस इसे नहीं संभाल सकती। माता-पिता को भी अपने बच्चों पर नजर रखनी होगी।’ (एजेंसी)

First Published: Sunday, January 6, 2013, 13:02

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