पुणे में युद्धाभ्यास में युद्ध कौशल दिखाएगी सेना

पुणे में युद्धाभ्यास में युद्ध कौशल दिखाएगी सेना

नई दिल्ली : पुणे में बुधवार से शुक्रवार तक देश की सेना का दमखम देखने को मिलेगा, जब वहां होने वाले युद्धाभ्यास में सेना की युद्ध कला का प्रदर्शन होगा। सेना इस युद्धाभ्यास में आधुनिक हथियारों के साथ-साथ अपने रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन करेगी। इस अवसर पर सभी प्रमुख टुकड़ियों के शीर्ष कमांडर जुटेंगे। मौजूदा सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह के नेतृत्व में यह पहला युद्धाभ्यास है। यह युद्धाभ्यास ऐसे समय में हो रहा है, जबकि पाकिस्तान ने भी अपना दो महीने का सबसे लम्बा युद्धाभ्यास मंगलवार को शुरू किया, जो नवम्बर मध्य तक चलेगा। कराची के वी कॉर्प्स की ओर से आयोजित यह युद्धाभ्यास राजस्थान के जैसलमेर से सटे पाकिस्तान के सीमा क्षेत्र में किया जा रहा है।

भारतीय सेना के युद्धाभ्यास का आयोजन पुणे स्थित दक्षिणी सैन्य कमान कर रहा है। सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि युद्धाभ्यास में जनरल बिक्रम सिंह के शामिल होने की सम्भावना भी है। सेना अधिकारी ने बताया, शत्रु की रक्षात्मक नीतियों का मुकाबला करने के उद्देश्य से किया जाने वाला यह युद्धाभ्यास बेहद जटिल और गूढ़ होता है। इसमें सेना के सभी सात कमान के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, युद्धाभ्यास के दौरान शत्रु सेना को परास्त करने की रणनीति का विकास किया जाएगा। इसमें सेना तथा वायु सेना के बीच समन्वय के प्रभावी तरीकों पर भी काम होगा, ताकि युद्ध के दौरान अधिक से अधिक लाभदायक स्थिति प्राप्त की जा सके।

उल्लेखनीय है कि देश में दक्षिणी सैन्य कमान सबसे बड़ा है, जो तमिलनाडु और केरल से गुजरात में कच्छ के रण तक की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाता है। इससे पहले वर्ष 2011 के ग्रीष्मकाल और सर्दियों में सेना ने तीन बड़े युद्धाभ्यास किए थे। वर्ष 2011 के मई माह में हुए युद्धाभ्यास को `विजयी भव` का नाम दिया गया था और यह राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में अम्बाला स्थित 2 खरगा कॉर्प्स की ओर से आयोजित किया गया था। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, September 25, 2012, 20:57

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