Last Updated: Saturday, February 16, 2013, 00:21

नई दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले संगठन के कामकाज को दुरूस्त करने के लिए प्रदर्शन आधारित पुरस्कार एवं दंड प्रणाली शुरू करने के शुक्रवार को संकेत दिए।
राहुल ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्षों एवं कांग्रेस विधायक दल के नेताओं के साथ यहां बातचीत में कहा कि टिकट वितरण के लिए कुछ निश्चित मानक तय किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चुनाव में किसी उम्मीदवार को टिकट देने के लिए चार से पांच अहर्ताएं तय की जानी चाहिए।
राहुल की आज यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों और विधायक दल के नेताओं के साथ हुई बैठक में तेलंगाना मुद्दे का जल्द समाधान, मंत्रियों के गैर कांग्रेस शासित राज्यों में पार्टी दफ्तरों में में न आने की शिकायत और नरेन्द्र मोदी के प्रचार अभियान का मुकाबला करने की मांग जैसे मुद्दे उठे।
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कुछ गैर कांग्रेस शासित राज्यों से यह भी शिकायत सामने आयी कि केन्द्रीय मंत्री जब राज्य के दौरे पर जाते हैं तो वहां विपक्षी दल के मुख्यमंत्री का गुणगाण कर देते हैं जिसके चलते पार्टी नेताओं को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है ।
राहुल गांधी ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में बैठक में हिस्सा लेने वाले नेताओं से कहा कि वह अपने अपने राज्यों के बारे में खुल कर अपनी राय रखें क्योंकि वह राज्यों में पार्टी में नयी जान फूंकना चाहते हैं।
पिछले महीने जयपुर में आयोजित चिंतन शिविर में पार्टी द्वारा उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद राहुल गांधी की पार्टी के नेताओं के साथ इस तरह का यह दूसरा संवाद है।
इससे पहले राहुल ने पार्टी के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों और आगे के राह के बारे में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों के साथ खुल कर चर्चा की थी। प्रदेश के नेताओं के साथ राहुल गांधी की आज से शुरू इस दो दिवसीय बैठक में मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक दल के नेता हिस्सा ले रहे हैं।
यह बैठक इस लिए भी महत्वपूर्ण है कि इस साल तकरीबन नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इनमें से पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली और कर्नाटक में कांग्रेस का सीधा मुकाबला भाजपा से है।
बैठक में गुजरात के कांग्रेस प्रमुख अर्जुन मोढवानिया ने कहा कि नरेन्द्र मोदी राज्य के विकास तथा अन्य मुद्दों के बारे में राज्य से बाहर गलत प्रचार करने में जुटे हैं क्योंकि वह जानते हैं कि उनके तर्कों का जवाब नहीं दिया जा सकता। इसलिए इसका जवाब दिये जाने की जरूरत है।
जम्मू कश्मीर के प्रदेश अध्यक्ष शैफुद्दीन सोज ने प्रदेश प्रमुखों को और ज्यादा अधिकार दिये जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि अगर संगठन को मजबूत बनाना है तो जिन्हें अधिकार दिया जा रहा है उन्हें जिम्मेदार होना पड़ेगा। (एजेंसी)
First Published: Saturday, February 16, 2013, 00:21