Last Updated: Wednesday, July 24, 2013, 19:44

नई दिल्ली : इस माह के अंत में अवकाश ग्रहण करने वाले दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने पुलिस बल के मुखिया के कम से कम दो साल के एक नियत कार्यकाल की हिमायत करते हुए कहा कि उनका 13 महीने का कार्यकाल बहुत छोटा था। कुमार ने अफसोस जताया कि पुलिस प्रमुखों के कार्यकाल के बारे में उच्चतम न्यायालय से तय मार्गनिर्देशों का पालन नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, ‘13 महीना बहुत छोटा वक्त होता है। इसे कम से कम दो साल होने चाहिए जैसा उच्चतम न्यायालय ने तय किया।’ कुमार से जब पूछा गया कि छोटे कार्यकाल के चलते क्या वह पुलिस बल के आधुनिकीकरण की अपनी योजना अमल में नहीं ला सके तो उन्होंने कहा, ‘इसका अब क्या मतलब है? ये उच्चतम न्यायालय के निर्देश हैं लेकिन लागू नहीं किए गए।’ फिलहाल, गृह सचिव, विदेश सचिव, रक्षा सचिव, कैबिनेट सचिव, आईबी प्रमुख, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, सीबीआई प्रमुख और रॉ प्रमुख के दो साल के नियत कार्यकाल हैं।
पिछले एक दशक में, दिल्ली में पांच पुलिस आयुक्त हुए जिनमें कुमार का कार्यकाल (जून 2012-जुलाई 2013) का सबसे छोटा है। कुमार से पहले बीके गुप्ता दिल्ली पुलिस के आयुक्त थे। उनका कार्यकाल 19 महीने का था। कुमार के बाद 1 अगस्त को दिल्ली पुलिस की कमान भीम सैन बस्सी संभालेंगे। वह फरवरी 2016 में अवकाश ग्रहण करेंगे। इस तरह उनका कार्यकाल ढाई साल का होने वाला है।
पिछले 10 साल में, के. के. पॉल का कार्यकाल सबसे लंबा था। वह फरवरी 2004 से जुलाई 2007 तक दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर आसीन थे। उनका कार्यकाल तीन साल पांच माह का था। पॉल के अवकाश ग्रहण करने के बाद वाई. एस. डडवाल पुलिस आयुक्त बने। वह जुलाई 2007 से नवंबर 2010 तक तीन साल चार महीने इस पद पर बने रहे। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 24, 2013, 19:44