Last Updated: Wednesday, April 24, 2013, 17:56
नई दिल्ली: दिल्ली में बलात्कार की एक घटना के मामले में दिल्ली पुलिस की जांच को निर्थक और अस्पष्ट करार देते हुये एक स्थानीय अदालत ने आदेश दिया है कि जांच अधिकारियों के खिलाफ तफ्तीश करके पता लगाया जाए कि क्या यह जांच प्रेरित थी या पूरी तरह इसमें सामर्थ्य की कमी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश निशा सक्सेना ने पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्व) को निर्देश दिया कि आरोपियों के खिलाफ बलात्कार के मामले में जांच अधिकारियों की भूमिका का पता लगाया जाए। मामले में एक बार बरी किये जा चुके आरोपियों पर एक और आपराधिक मामला चलाया गया और पुलिस ने इसके लिए कोई ठोस सबूत नहीं जुटाया।
अदालत ने कहा कि मुझे लगता है कि इस मामले में जिस तरह से जांच की गयी और पूरी तरह कानून की अनदेखी की गयी, उसकी वजह से संबंधित पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच की आवश्यकता है ताकि पता लगाया जा सके कि क्या यह जांच प्रेरित थी या इसमें पूरी तरह योग्यता की कमी रही। मामला 2006 में दर्ज एक प्राथमिकी से जुड़ा है जिसमें एक महिला ने तीन लोगों पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इनके नाम विनोद, सुरेश और ब्रह्मपाल हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 24, 2013, 17:56