Last Updated: Monday, February 4, 2013, 17:50

नई दिल्ली : कमल हासन की फिल्म ‘विश्वरूपम’ और सलमान रूश्दी की पुस्तक को लेकर छिड़े विवादों की पृष्ठिभूमि में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर ने आज यहां कहा कि पुस्तकों और सिनेमा से असहमति होने के बावजूद उसपर प्रतिबंध लगाना या उसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करना उचित नहीं हैं।
यहां विश्व पुस्तक मेले का उद्घाटन करते हुए थरूर ने कहा कि फिल्म, किताबों और किसी अन्य माध्यम द्वारा प्रस्तुत सामग्री के साथ असहमति होने के बावजूद उस पर प्रतिबंध लगाना या उसके खिलाफ धरना प्रदर्शन करना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि हम एक ऐसे देश में रहते हैं, जहां लोगों के पास अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। अपनी बात रखने और किसी भी चीज को खारिज करने या सराहने का अधिकार है। पुस्तक मेला केवल व्यावसायिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव है। इस मौके पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के अध्यक्ष डॉ. कर्ण सिंह ने कहा कि किसी भी भाषा को दोयम दर्जे का नहीं कहा जा सकता और हर भाषा में मिट्टी की खुश्बू होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा का अपमान करना सरस्वती का विरोध करना है, क्योंकि हर भाषा में वाग्देवी का वास होता है।
हाल में बलात्कार के खिलाफ कानून बनाये जाने की मांग का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा कि कानून को बदलने की कोई जरूरत नहीं है। केवल नजरिये को बदलने की जरूरत है और शिक्षा के जरिये नैतिक मूल्यों को बदला जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 4, 2013, 17:50