Last Updated: Thursday, August 15, 2013, 13:07

नई दिल्ली : आसमान पर घने बादल, जमीन पर चौकन्ने सुरक्षाकर्मी और चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बंदोबस्त दिल्लीवासियों के उत्साह को कम नहीं कर पाया और भारी संख्या में लोग ऐतिहासिक लाल किले पर आजादी का जश्न मनाने के लिए उमड़े। सुबह हल्की बौछार पड़ने से मौसम सुहाना हो गया। स्कूली बच्चे और अन्य मेहमान पूरे जोश-ओ-खरोश से 67वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में जुटे।
दिल्ली के 36 सरकारी स्कूलों की 3500 से अधिक छात्राओं ने राष्ट्रध्वज तिरंगे की प्रतिकृति बनायी। सुबह 7 बजकर 20 मिनट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का काफिला लालकिले के लाहौरी दरवाजे पर पहुंचा, जहां रक्षा मंत्री एके एंटनी, रक्षा राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह और रक्षा सचिव आर के माथुर ने उनका स्वागत किया। रक्षा सचिव ने दिल्ली क्षेत्र के जनरल आफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सुब्रोतो मित्रा का सिंह से परिचय कराया।
फिर सिंह ने थलसेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस के जवानों की सलामी ली। उसके बाद उन्होंने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया और लाल किले की प्राचीर की ओर बढ़े, जहां उन्होंने राष्ट्रध्वज फहराया और उसके साथ ही राष्ट्रगान हुआ। इस दौरान 871 फील्ड रेजीमेंट ने 21 तोपों की सलामी दी। तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने सिंह का अभिवादन किया।
समारोह में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में नेता विपक्ष अरूण जेटली, विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, वित्त मंत्री पी. चिंदबरम सहित कई केन्द्रीय मंत्री और विदेशी राजनयिक मौजूद थे। प्रधानमंत्री ने जैसे ही अपना भाषण पूरा किया, स्कूली बच्चों और एनसीसी कैडेटों ने राष्ट्रगान गाया। उसके बाद आसमान में गुब्बारे छोडे गए।
समारोह के दौरान लाल किले के चप्पे-चप्पे पर सशस्त्र जवान तैनात थे ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके। शहर भर में जगह-जगह अवरोधक लगाए गए थे। दिल्ली की अन्य प्रदेशों से लगी सीमाओं पर सघन जांच की जा रही थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, August 15, 2013, 13:07