Last Updated: Saturday, September 24, 2011, 14:46
संयुक्त राष्ट्र : परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर जताई जा रही चिंताओं के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि सुरक्षा के संबंध में ‘पूर्ण संतोष’ हासिल होने के बाद ही भारत परमाणु ऊर्जा को अपनायेगा. सिंह ने कहा कि भारत सुरक्षा के स्तर को विस्तार देने के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ काम करने को तैयार हैं.
शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भारत ने इस वर्ष मार्च में जापान में हुए फुकुशिमा हादसे के बाद परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा की गहन समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि हमारी ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति के लिए परमाणु बिजली के इस्तेमाल की हमारी योजनाएं इस संबंध में सुरक्षा को लेकर पूर्ण संतोष हासिल होने पर आधारित हैं. हमने अपने परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा के संबंध में गहन समीक्षा की है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम सुरक्षा के स्तर को विस्तार देने के लिए अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के तहत अंतरराष्ट्रीय कोशिशों का समर्थन करते हैं.’ सिंह ने यह टिप्पणी तमिलनाड़ु के कुडनकुलम और महाराष्ट्र के जैतापुर में प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की सुरक्षा को लेकर स्थानीय लोगों द्वारा चिंता जताये जाने की पृष्ठभूमि में की है. परमाणु ऊर्जा संयंत्र के बारे में सुरक्षा चिंताओं को लेकर कुडनकुलम में 100 से अधिक लोग अनशन पर बैठ गये थे.
सिंह ने कहा कि परमाणु प्रसार अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष एक जोखिम बना हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘परमाणु हथियारों से मुक्त अहिंसक विश्व के लिए प्रधानमंत्री राजीव गांधी की कार्य योजना समयबद्ध, व्यापक, भेदभावरहित, चरणबद्ध और सत्यापित हो सकने योग्य तरीके से परमाणु निरस्त्रीकरण हासिल करने की ठोस रूपरेखा मुहैया कराती है.’
First Published: Saturday, September 24, 2011, 20:17