Last Updated: Saturday, December 1, 2012, 18:31

नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। प्रार्थना सभा और 21 बंदूकों की सलामी के साथ उनके पार्थिव शरीर का यमुना किनारे स्मृति स्थल में दाह संस्कार किया गया जहां उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थी। स्मृति स्थल देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समाधि स्थल ‘शांति वन’ और लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल ‘विजय घाट’ के बीच स्थित है।
स्मृति स्थल में पूर्व प्रधानमंत्री के दो बेटों और पोते ने संयुक्त रूप से उन्हें मुखाग्नि दी। उनके एक पुत्र नरेश गुजराल अकाली दल सांसद हैं। रक्षा मंत्री एके एंटनी, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, विधि मंत्री अश्वनी कुमार, फारूक अब्दुल्ला, जयपाल रेड्डी, भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और अरूण जेटली, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, इनलोद प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, जद (एस) दानिश अली, अमर सिंह और कुछ वरिष्ठ नौकरशाह अंतिम संस्कार में शामिल हुए। विभिन्न देशों के राजनयिक भी इस मौके पर मौजूद थे।
राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी, एंटनी, शिंदे, बादल, आडवाणी, जितेन्द्र सिंह (राज्यमंत्री) और अन्य लोगों ने गुजराल के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया। तिरंगे में लिपटे गुजराल के पार्थिव शरीर को पांच जनपथ स्थित उनके आवास से स्मृति स्थल लाया गया। उनका पार्थिव शरीर फूलों से सजे एक वाहन से स्मृति स्थल ले जाया गया। साथ में सैन्यकर्मी और करीबी रिश्तेदार भी थे। सशस्त्र सेना के तीनों अंगों के अधिकारी गुजराल के पार्थिव शरीर को दाह संस्कार स्थल तक लेकर गये।
गुजराल ने 1990 के दशक में ‘गुजराल डॉक्ट्रिन’ के रूप में पांच सिद्धांत पेश किये जिसका उद्देश्य पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध कायम रखना है। उन्होंने कल दोपहर गुड़गांव के निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके परिवार में दो पुत्र और भाई सतीश गुजराल हैं। सतीश एक मशहूर पेंटर और वास्तुकार हैं। उनकी पत्नी शीला का 2011 में निधन हो गया था। वह कवयित्री थी।
इससे पहले दिन के वक्त प्रधानमंत्री और कई नेता गुजराल के आवास पर गए और श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा, गुजराल के निधन से हमारे देश ने एक स्वतंत्रता सेनानी, एक महान देशभक्त और एक विद्वान राजनीतिज्ञ खो दिया है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, December 1, 2012, 08:26