पूर्वोत्तर में रेल नेटवर्क के विकास को 600 करोड़

पूर्वोत्तर में रेल नेटवर्क के विकास को 600 करोड़

नई दिल्ली : केंद्र ने पूर्वोत्तर में रेलवे नेटवर्क के विस्तार के लिए अतिरिक्त 600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा पूरे क्षेत्र में कुल बुनियादी ढांचे के उन्नयन के कार्य को तेजी से करने के लिए एक अधिकार प्राप्त समूह के गठन का भी फैसला किया है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में क्षेत्र के ढांचागत विकास की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में कई पनबिजली परियोजनाओं के कार्य की रफ्तार बढ़ाने का भी फैसला किया गया। विभिन्न वजहों से ये परियोजनाएं अटकी हुई हैं। साथ ही प्राथमिकता के आधार पर मजबूत पारेषण नेटवर्क के निर्माण का भी फैसला किया गया।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान में कहा गया है कि मौजूदा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी तथा किसी तरह की खामी को दूर करने पर बैठक में विचार हुआ। बैठक में सहमति बनी कि उस क्षेत्र की तीन महत्वपूर्ण रेल परियोजाओं को मार्च 2014 से पहले पूरा करने के लिए वित्त मंत्रालय अतिरिक्त 400 करोड़ रपए की राशि प्रदान करेगा। इनमें अरणाचल को रेल मार्ग से जोड़ने की हरमाटी-नाहरलागून रेलमार्ग परियोजना, मेघालय को जोड़ने वाली दूधनोई-मेहदीपाथर रेललाइन परियोजना तथा रंगपुर-उत्तर लखीमपुर आमान परिवर्तन योजना शामिल है। इन लाइनों पर परीक्षण के लिए परिचालन अगले साल जनवरी तक शुरू करने का लक्ष्य है।

इसके अलावा लुमडिं-सिलचर आमान परिवर्तन और बूगीबील पुल परियेाजना के लिए भी वित्त मंत्रालय 200 करोड़ मंजूर करेगा। बैठक में पहुंच एक प्रमुख समस्या के रूप में सामने आई। बैठक में वित्त मंत्री पी चिदंबरम, रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे, दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल, नागर विमानन मंत्री अजित सिंह, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया के अलावा पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। (एजेंसी)

First Published: Thursday, July 18, 2013, 22:24

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