Last Updated: Sunday, September 8, 2013, 16:14
नई दिल्ली : केंद्र ने पूर्वोत्तर राज्यों को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने तथा इस योजना के तहत कार्यक्रमों का प्रदर्शन बेहतर बनाने का निर्देश दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में असम, मिजोरम, मेघायल, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में इन योजनाओं के प्रदर्शन की समीक्षा की थी।
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि निर्धारित घंटों के बाद भी उपचार की सेवाएं उपलब्ध रहे साथ ही निर्दिष्ट परिवहन (आरटी) प्रणाली को मजबूत बनाया जाए। प्रसव केंद्रों के मामले में मंत्रालय ने यह निर्देश दिया है कि राज्य प्रसव बिन्दुओं की संख्या में अक्सर बदलाव नहीं किया जाए। अगर राज्य एक बार निर्णय कर लें कि कोई सुविधा केंद्र प्रसव के लिए है तब उसे नये केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए और पुराने को बंद नहीं किया जाए।
मंत्रालय ने नि:शुल्क दवाओं और उपचार के निष्पादन को भी सुदृढ बनाने की सिफारिश की है। इसके साथ ही विभिन्न योजनाओं के तहत प्रयोगशाला तकनीशियनों का व्यापक उपयोग करने और प्रयोगशाला सुविधा चौबीसों घंटे उपलब्ध कराने का भी सुझाव दिया है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई लैब सुविधा उपलब्ध नहीं है तब राज्यों को सार्वजनिक निजी साझेदारी के तहत सेवाएं सुनिश्चित करने की संभावना तलाशने को कहा है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 8, 2013, 16:14