Last Updated: Friday, August 2, 2013, 20:47
हैदराबाद : कांग्रेस पर अपना राजनीतिक हित पूरा करने के लिए आंध्र प्रदेश को विभाजित करने का आरोप लगाते हुए तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के पांच सांसदों ने आज पदों से इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा देने वाले सांसदों में राज्यसभा सदस्य वाई. सत्यनारायण चौधरी और सी.एम. रमेश तथा लोकसभा सदस्य एम. किस्तप्पा, के. नारायण और एम.वी. रेड्डी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि वे विभाजन से आंध प्रदेश के साथ होने वाले ‘अन्याय’ के खिलाफ इस्तीफा दे रहे हैं।
सांसदों ने आज शाम संवाददाता सम्मेलन में इसकी घोषणा की और कहा, ‘हमारी पार्टी ने तेलंगाना राज्य के गठन का समर्थन किया है। हम इस पर कायम हैं। हम नए राज्य के गठन के लिए विधेयक के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन हम चाहते हैं कि विभाजन के बाद नए आंध्र प्रदेश के हितों की रक्षा की जाए।’
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने तौरतरीकों पर सभी पक्षों से विचार विमर्श किए बिना ही आंध्र प्रदेश को विभाजित करने का एकतरफा फैसला कर लिया। नदियों का पानी, राजस्व, नयी राजधानी, किसानों और युवाओं के हितों की रक्षा, रोजगार के मौकों का सृजन जैसे मुद्दों पर कोई स्पष्टता नहीं है।’
सांसदों ने कहा कि हम चाहते हैं कि केंद्र हमारी चिंताओं पर स्पष्टीकरण दे और उन्हें इस तरीके से हल करे कि लोगों में कोई असंतोष नहीं हो। उन्होंने आशंका जतायी कि जल संसाधनों के पर्याप्त आवंटन के बगैर आंध्र.रायलसीमा क्षेत्र के किसानों को नुकसान होगा। इस बीच तेदेपा के राज्यसभा सदस्य एन. हरिकृष्ण ने राज्य के विभाजन के मुद्दे पर लोगों के नाम एक खुला पत्र लिखा है। हरिकृष्ण संवाददाता सम्मेलन में मौजूद नहीं थे।
उन्होंने कहा कि वह तेलंगाना के लोगों की आकांक्षाओं के सामने सर झुकाते हैं और राज्य के विभाजन को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि आंध्र..रायलसीमा के लोगों की चिंताओं को दूर नहीं किया गया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 2, 2013, 20:47