Last Updated: Friday, November 4, 2011, 11:15
नई दिल्ली: पेट्रोल की कीमतों में इजाफे पर संप्रग सरकार पर बरसते हुए वाम दलों ने शुक्रवार को अपनी सभी प्रदेश इकाइयों से इसके खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू करने को कहा।
वाम दलों ने कहा कि यह कदम अनिवार्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का बड़ा कारक है।
माकपा पोलित ब्यूरो ने एक वक्तव्य में कहा, ‘पेट्रोल की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण हटना अनिवार्य वस्तुओं के मूल्य में इजाफे और महंगाई के लिए जिम्मेदार है।’
वक्तव्य में कहा गया कि बाजार के मुताबिक कीमत का निर्धारण झांसा है क्योंकि हाल के समय में तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में काफी गिरावट आई है।
माकपा ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन ने एक बार फिर लोगों की किस्मत पर अपनी स्तब्धकारी निष्ठुरता दिखाई है।
पार्टी ने कहा कि जिस दिन पेट्रोल की कीमतों में 1.80 रूपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ उस दिन खाद्य मुद्रास्र्फीति 12.21 फीसदी पहुंच गई। उसने अपनी इकाइयों को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने को कहा है।
भाकपा ने भी पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि की आलोचना की है और इसे अन्यायपूर्ण बताया। पार्टी ने कहा, ‘इससे आम आदमी पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।’
पार्टी के नेता डी राजा ने इसे आम आदमी के लिए बड़ा झटका बताया जब खाद्य मुद्रास्र्फीति दो अंकों में पहुंच गई है।
इसके साथ ही दूसरी तरफ बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने पेट्रोल की कीमत में वृद्धि को जनविरोधी करार देते हुए इसे तत्काल वापस लेने की मांग की है।
(एजेंसी)
First Published: Friday, November 4, 2011, 16:55