पैसे पेड़ों पर नहीं फलते, कड़े फैसले जरूरी थे: मनमोहन

पैसे पेड़ों पर नहीं उगते, कड़े फैसले जरूरी थे: मनमोहन

पैसे पेड़ों पर नहीं उगते, कड़े फैसले जरूरी थे: मनमोहननई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि कठिन फैसले लेने का समय आ गया है और देशवासियों को उन लोगों के बहकावे में नहीं आना चाहिये जो एक बार फिर 1991 जैसा भय फैलाना चाहते हैं।

खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, डीजल के दाम बढ़ाने और सस्ते गैस सिलेंडर की आपूर्ति सीमित करने जैसे फैसलों को उचित ठहराते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि निवेशकों का विश्वास बहाल करने के लिए कठिन फैसले लेना जरुरी हैं।

उन्होंने कहा कि विश्व में आर्थिक मंदी का असर है। लेकिन हम भारत को यूरोप नहीं बनने देंगे। सरकार के कदमों को लेकर किसी बहकावे में न आएं। मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई से लोगों को फायदा मिलेगा, चीजे सस्ती मिलेगी। रिटेल में एफडीआई के आने से छोटे कारोबारियों को नुकसान का डर बेमानी है।

राष्ट्र के नाम दूरदर्शन पर दिये गये संदेश में सिंह ने कहा कि रिटेल में एफडीआई की अनुमति देने से जुड़ी चिन्ताएं निराधार हैं क्योंकि छोटे और बडे खुदरा कारोबारियों के आगे बढने की पर्याप्त गुंजाइश है ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 1991 में जब वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने आर्थिक सुधार शुरू किये तब भी इसी तरह का भय फैलाया गया था। उन्होंने कहा कि इस तरह का भय फैलाने वाले तब भी सफल नहीं हुए थे और अब भी वह सफल नहीं हो पाएंगे।

डीजल के दाम बढ़ाने और सस्ते एलपीजी सिलेंडर की संख्या सालाना छह तक सीमित करने के फैसले को सही ठहराते हुए उन्होंने कहा कि कठिन आर्थिक हालात और राजकोषीय घाटे को बढ़ने से रोकने के लिए ऐसा करना जरूरी था क्योंकि ऐसा नहीं होने पर आवश्यक वस्तुओं की कीमत में बेतहाशा वृद्धि होती।

सिंह ने कहा कि कोई भी सरकार आम आदमी पर बोझ नहीं डालना चाहती, लेकिन सरकार की यह जिम्मेदारी भी है कि वह राष्ट्र के हितों की रक्षा करे और अपनी जनता के दीर्घकालिक भविष्य की सुरक्षा करे। उन्होंने कहा ‘‘वर्ष 1991 में हमने इसी तरह की समस्या का सामना किया था। कोई भी हमें छोटी रकम का कर्ज भी देने को तैयार नहीं था। लेकिन मजबूत और ठोस कदमों की बदौलत हम उस संकट से बाहर आये। आप उन कदमों के सकारात्मक नतीजे देख सकते हैं।

उन्होंने कहा कि आज हालात वैसे नहीं हैं लेकिन इससे पहले कि जनता का विश्वास हमारी अर्थव्यवस्था से उठ जाए, हमें कार्रवाई करनी ही चाहिए।

सिंह ने कहा कि सरकार ऐसे मोड़ पर है, जहां वह विकास की मंद गति को पलट सकती है। हमें घरेलू और वैश्विक स्तर पर निवेशकों के विश्वास को पुनर्जीवित करना है। इस उद्देश्य से वे फैसले करने जरूरी थे, जो हमने पिछले दिनों किये।

मल्टीब्रांड रिटेल में एफडीआई की अनुमति देने, डीजल कीमत में पांच रूपये की बढोतरी और सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या सीमित करने को लेकर देश भर में मचे बवंडर के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम शुक्रवार को 15 मिनट के संबोधन में मजबूती के साथ सरकार का पक्ष रखा। (एजेंसी)

First Published: Friday, September 21, 2012, 20:12

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