प्रकाशानंद सरस्वती से कोई संबंध नहीं: कृपालुजी महाराज

प्रकाशानंद सरस्वती से कोई संबंध नहीं: कृपालुजी महाराज

प्रकाशानंद सरस्वती से कोई संबंध नहीं: कृपालुजी महाराजनई दिल्ली : जगद्गुरु कृपालुजी महाराज और उनके नेतृत्व में चल रहे संगठनों ने अमेरिका में अपराधी घोषित किए जा चुके स्वामी प्रकाशानंद सरस्वती से किसी भी तरह का सम्बंध होने से इंकार किया है। यह इंकार कृपालु महाराज के न्यास द्वारा जारी बयान में किया गया है। मीडिया में आई रपटों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए जगद्गुरु कृपालु परिषत-श्यामा श्याम धाम ने कहा है कि कृपालु महाराज शिष्य बनाने की परम्परा के सख्त खिलाफ हैं। "महाराज जी ने कभी शिष्य नहीं बनाए और उन्होंने कभी किसी को गुरुमंत्र नहीं दिए।

बयान में कहा गया है, यह गौर करने लायक है कि प्रकाशानंद सरस्वती जगद्गुरु शंकराचार्य ब्रह्मानंद सरस्वती (एक संन्यासी) के शिष्य हैं। जगद्गुरु कृपालु जी महाराज गृहस्थ हैं और वैष्णव हैं। बयान में कहा गया है, यह बयान जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के न्यास द्वारा एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर की प्रतिक्रियास्वरूप जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि अमेरिका में एक मामले में वांछित स्वामी प्रकाशानंद सरस्वती जगद्गुरु कृपालु जी महाराज से जुड़े हुए हैं। न्यास के अनुसार, देश-विदेश में अनेक लोग अपने गुरु के कार्यो और ईश्वर के प्रति उनके अगाध समर्पण से प्रभावित होकर उनका शिष्य होने का दावा करते हैं।

बयान में कहा गया है, ऐसी परिस्थितियों में गलत धारणाएं पैदा करना और यह कहकर लोगों को भ्रम में डालना कि कोई वांछित अपराधी उनका शिष्य है या उनके अधीन किसी न्यास की गतिविधियों से जुड़ा है, निश्चितरूप से निंदनीय है। स्वामी प्रकाशानंद सरस्वती को अमेरिका में टेक्सास की अदालत ने मार्च 2011 में बच्चों के साथ अश्लील हरकतों के 20 मामलों में सजा सुनाई थी। अदालत ने 80 वर्षीय प्रकाशानंद सरस्वती को उनकी गैरमौजूदगी में प्रत्येक मामले में 14 साल कैद की सजा सुनाई थी। लेकिन उन्हें 12 लाख डॉलर के मुचलके पर जमानत दे दी गई। अमेरिकी मार्शल्स को आज भी उनकी तलाश है। (एजेंसी)

First Published: Sunday, October 14, 2012, 12:25

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