प्रणब के नाम पर बीजेपी की सहमति! - Zee News हिंदी

प्रणब के नाम पर बीजेपी की सहमति!



ज़ी न्यूज ब्यूरो

 

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की चुप्पी के बीच राष्ट्रपति पद के लिए उनकी दावेदारी मजबूत होती चली जा रही है। अब बीजेपी ने भी इशारों-इशारों में प्रणब मुखर्जी के नाम पर सहमति जता दी है। बीजेपी सासंद कीर्ति आजाद ने आज कहा कि प्रणब मुखर्जी की दावेदारी को कोई भी खारिज नहीं कर सकता। वह एक मंझे हुए राजनेता है और इसमें कोई दो राय नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके अनुभव से कोई इंकार नहीं कर सकता लेकिन राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पर फैसला एडीए करेगी।

 

उन्होंने कहा कि इस मसले पर यूपीए की तरफ से कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं आया है जिसपर चर्चा की जा सकें। कीर्ति आजाद का यह बयान मायने रखता है। हालांकि एनडीए में भी अभीतक राष्ट्रपति पद के लिए किसी भी नाम पर सहमति बन नहीं पाई है।

 

इससे पहले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव में उनके प्रमुख उम्मीदवार के रूप में उभरकर सामने आने की अटकलों को खारिज कर दिया। मनीला जाते समय मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा, यह सिर्फ अटकल है। मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। वित्त मंत्री मनीला में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के बोर्ड आफ गवर्नर्स की सालाना बैठक में भाग लेंगे।

 

यूपीए के दो प्रमुख दलों तृणमूल और राकांपा के साथ सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा ने भी प्रणब के पक्ष में हल्का झुकाव दिखा राष्ट्रपति पद के लिए उनकी दावेदारी को पंख लगा दिए हैं।  यूपीए और गैर यूपीए, राजग में शामिल दलों ने जिस तरह से सर्वसम्मत राष्ट्रपति की रट पकड़ी है, उससे प्रणब मुखर्जी का पलड़ा भारी होता जा रहा है।

 

राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल मतों में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के पास 40 प्रतिशत मत हैं जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास 30 फीसदी से कम मत हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों अन्य दलों के समर्थन के बिना राष्ट्रपति का चयन करने की स्थिति में नहीं हैं।

 

राष्ट्रपति चुनाव में मुखर्जी सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं।  केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के पर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के नाम पर सहमति बनती दिख रही है। राष्ट्रपति पद के लिए प्रणब मुखर्जी के नाम पर सहमति का दायरा बढ़ता जा रहा है।

First Published: Friday, May 4, 2012, 21:28

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