Last Updated: Wednesday, July 25, 2012, 22:28

नई दिल्ली : प्रणब मुखर्जी अब महामहिम यानी देश के प्रथम नागरिक बन गए हैं। उन्होंने बुधवार सुबह यहां संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक भव्य समारोह में देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। इसके साथ ही तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर को 21 तोपों की सलामी दी गई।
इस अवसर पर उन्होंने गरीबी मिटाने को अपना पहला लक्ष्य बताया और साथ ही आतंकवाद को चौथे विश्व युद्ध की संज्ञा दी। देश के प्रधान न्यायाधीश एस.एच. कपाड़िया ने सुबह 11.30 बजे मुखर्जी को संविधान एवं विधि के संरक्षण और सुरक्षा की शपथ दिलाई। मुखर्जी काली शेरवानी और चूड़ीदार पहने हुए थे।
समारोह में राष्ट्रपति के अंगरक्षकों को राष्ट्रीय सलामी देते और रायसीना हिल के साथ कतारबद्ध खड़े तीनों सेनाओं के 1,000 जवानों को देखा गया। इन जवानों ने सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर, राष्ट्रपति को हजार सलामी दी। 28 जून तक देश के वित्त मंत्री रहे मुखर्जी पूरे समारोह के दौरान गम्भीर बने रहे और उन्होंने मुस्कान के साथ इस मुद्रा को केवल तब तोड़ा, जब उन्होंने अश्व जुती एक बग्घी से छायाकारों की तरफ हाथ हिलाया। उसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति के रूप में एक खुली जीप में सवार होकर अपने पहले गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया।
उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यपालों और काफी संख्या में विशिष्ठ अतिथियों की उपस्थिति में भारत के प्रधान न्यायाधीश एस एच कपाडिया ने प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी।
काले रंग की अचकन और उजले रंग का चूडीदार पायजामा पहने प्रणब मुखर्जी ने अंग्रेजी में ईश्वर के नाम पर संविधान एवं विधि के संरक्षण और सुरक्षा की शपथ ली।
प्रणब को 21 तोपों की सलामी दी गई । इसके बाद उन्होंने शपथ ग्रहण करने से जुड़े रजिस्टर पर हस्ताक्षर किया और उपस्थित लोगों ने मेजें थपथपा कर उनका स्वागत किया।
राष्ट्रपति भवन से चलकर निवर्तमान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का काफिला एक जुलूस की शक्ल में संसद भवन परिसर पहुंचा जिसके बाद शपथ ग्रहण समारोह शानदार तरीके से शुरू हुआ। यहां पहुंचने पर कपाडिया, अंसारी और मीरा कुमार ने उनका स्वागत किया और उन्हें साथ लेकर केंद्रीय कक्ष गए। संक्षिप्त समारोह के बाद प्रणब और पाटिल बाहर आए। इस दौरान ड्रम और बिगुल की ध्वनि से चारो ओर का माहौल गूंज उठा ।
प्रणब मुखर्जी ने आज देश के 13वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के लिए राष्ट्रपति भवन रवाना होने से पहले महात्मा गांधी और अन्य महत्वपूर्ण नेताओं की समाधि पर जा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
मर्सिडीज बेंज एस 600 में सवार प्रणव सबसे पहले राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद उन्होंने ‘वीर भूमि’ पर राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी। काली शेरवानी और सफेद चूड़ीदार पजामा पहने प्रणब ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की समाधि ‘शक्ति स्थल’ और लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। शहरी विकास मंत्री कमलनाथ भी प्रणब के साथ मौजूद थे।
शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित प्रमुख लोगों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, विपक्षी नेता लालकृष्ण आडवाणी और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी शामिल थे। ममता ने राष्ट्रपति चुनाव से दो दिनों पूर्व मुखर्जी को समर्थन देने का निर्णय लिया था। मुखर्जी तालकटोरा मार्ग स्थित अपने बंगले से अब 340 कक्षों वाले राष्ट्रपति भवन में चले गए।
इसके पहले सुबह निवर्तमान राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने राष्ट्रपति के अंगरक्षकों से अंतिम गार्ड ऑफ ऑनर लिया। नए राष्ट्रपति मुखर्जी, पुरानी राष्ट्रपति पाटील के साथ दो, तुगलक लेन स्थित चार कमरों वाले उनके अस्थायी आवास पर गए। पुणे में उनका आवास तैयार हो जाने के बाद पाटील वहां चली जाएंगी। समारोह का आधिकारिक हिस्सा लगभग 10.50 बजे तब शुरू हुआ, जब मुखर्जी राष्ट्रपति भवन पहुंचे।
राष्ट्रपति भवन के सामने के अहाते में मुखर्जी और पाटील द्वारा सलामी लेने के बाद दोनों धीमी गति वाले काफिले में संसद भवन के लिए रवाना हुए। रायसीना हिल से गुजरते समय उन्हें हजार सलाम दिए गए।
19 जुलाई को हुए चुनाव में जीत हासिल करने वाले मुखर्जी 40 वर्षो के अपने राजनीतिक जीवन में देश के वित्त मंत्री, रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री रह चुके हैं। शपथ ग्रहण से पहले मुखर्जी ने सुबह महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और जवाहरलाल नेहरू की समाधियों पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, July 25, 2012, 22:28