प्रधानमंत्री जी! ...अब और कौन सा फासला तय करेंगे: मोदी

प्रधानमंत्री जी! ...अब और कौन सा फासला तय करेंगे: मोदी

प्रधानमंत्री जी! ...अब और कौन सा फासला तय करेंगे: मोदीज़ी मीडिया ब्यूरो/प्रवीण कुमार

भुज (गुजरात) : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने 67वें स्वतंत्रता दिवस पर भुज के लालन कॉलेज ग्राउंड में तिरंगा फहराया। तिरंगा फहराने के बाद मैदान में उपस्थित एक बड़े जनसमूह को संबोधित करते हुए मोदी ने सीधा-सीधा प्रधानमंत्री पर हमला किया और बड़े ही सख्त लहजे में पूछा, `प्रधानमंत्री जी! और कौन सा फासला तय करेंगे?` मोदी ने इस अवसर पर सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं और बधाई दी। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि ये मौका है, आजादी की लड़ाई में जान देने वालों को याद करो। मोदी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में गुजरात का अहम योगदान है। हमें उनके योगदान को भुलाना नहीं चाहिए।

अपने स्वत: स्फूर्त भाषण में मोदी ने पाकिस्तान और चीन को भारत के जवाब, भ्रष्टाचार, देश की अर्थव्यवस्था की हालत तथा खाद्य सुरक्षा विधेयक समेत विभिन्न मुद्दों पर प्रधानमंत्री की आलोचना की।
उन्होंने कहा, 'राष्ट्र बदलाव के लिए बेचैन है। आप एक बड़े देश पर राज कर रहे हैं, हम एक छोटे राज्य को संभाल रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री को दिल्ली में बैठी सरकार और हमारी सरकार के बीच विकास तथा बेहतर प्रशासन के मुद्दे पर सार्वजनिक बहस की चुनौती देता हूं।'

मोदी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तथा आज दिए गए प्रधानमंत्री के भाषणों के बीच तुलना की और अपने भाषण में पाकिस्तान के बारे में कड़ा रुख नहीं अपनाने के लिए मनमोहन सिंह की आलोचना की। मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति हमारे पांच सैनिकों के मारे जाने के मुद्दे पर चिंता जाहिर कर चुके हैं। मुझे उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री इसी प्रकार की चिंता जताएंगे लेकिन वे कड़ी बात करने में विफल रहे। मुखर्जी ने कल पाकिस्तान को चेतावनी दी थी कि ‘संयम की सीमा होती है’ और आतंरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए ‘जरूरी कदम’ उठाए जाएंगे।

प्रधानमंत्री के भाषण को ‘बड़ी निराशा’ बताते हुए मोदी ने कहा कि इसमें कोई जान नहीं थी और यह किसी प्रकार की प्रेरणा देने में विफल रहा है। गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात पर हैरानी होती है कि सर्वाधिक बार राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाली हस्तियों में आपका नाम शामिल हो रहा है लेकिन आप वही बातें कर रहे हैं जो पंडित नेहरू ने राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में कही थीं। प्रधानमंत्री आज भी उन्हीं समस्याओं और चिंताओं का उल्लेख कर रहे हैं जिनका जिक्र नेहरू ने अपने पहले भाषण में किया था। उन्होंने सवाल किया, सवाल यह उठता है कि आपने पिछले 60 साल में क्या किया। यदि हालात में मामूली सा बदलाव भी नहीं आया है... तो आपने क्या किया है?

मौजूदा आर्थिक हालात के लिए प्रधानमंत्री पर बरसते हुए मोदी ने कहा कि श्रीमान प्रधानमंत्री, आपने देश की वर्तमान आर्थिक हालत का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री नरसिंह राव की बात की। लेकिन मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि रूपये की कीमत जिस तरह से गिर रही है , यह संकट की ओर जा रहा है , उसके लिए कौन जिम्मेदार है ?’’

आर्थिक ‘गड़बड़ी’ को दुरुस्त करने के लिए उपचारात्मक कदम नहीं उठाने के लिए केंद्र की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि सिंह कम से कम इतना तो कर सकते थे कि वे देश को बताते कि वह कैसे रूपये को मजबूत करेंगे और अर्थव्यवस्था में नई जान डालने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके बजाय आप इसका ठीकरा वैश्विक आर्थिक मंदी के सिर पर फोड़ रहे हैं और कहते हैं कि भारत वैश्विक मंदी से अछूता नहीं रह सकता।

भारतीय सैनिक मारे गए हैं और जवानों का हौसला बढ़ाने के लिए कुछ उत्साहजनक बातें कही जानी चाहिए थीं। मैं नहीं समझता कि लालकिला पाकिस्तान को चुनौती देने के लिए उचित मंच है और न ही हमें इसमें समय बर्बाद करना चाहिए। लेकिन यह हमारे सैन्य बलों का मनोबल बढ़ाने के लिए उचित मंच था। उन्होंने कहा कि ‍यह मेरी भावना है। उन्हें (प्रधानमंत्री) हमारे सैनिकों का मनोबल बढ़ाना चाहिए था। मोदी ने कहा, 'एक तरफ राष्ट्रपति जी कह रहे हैं कि हमारे संयम की सीमा है लेकिन राष्ट्रपति जी इस संयम की क्या सीमा है? इसके लिए सीमा रेखा क्या है? इसका फैसला केंद्र की सरकार को करना होगा।’

मोदी ने कहा, `देश के सामने मूलभूत मुद्दे हैं। भ्रष्टाचार से देश तबाह है। भ्रष्टाचार के मूल में भाई-भतीजावाद चरम पर है। देश में भ्रष्टाचार में मामा-भांजा का खेल खेला जा रहा है। भ्रष्टाचार को लेकर अब सास-बहू और दामाद का सीरियल चल रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ केंद्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।` मोदी ने कहा कि देश भ्रष्टाचार पर जवाब मांग रहा है। भ्रष्टाचार पर देश को जवाब क्यों नहीं मिल रहा है।

First Published: Thursday, August 15, 2013, 09:48

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