प्रधानमंत्री पद का सपना नहीं देखता: नीतीश

प्रधानमंत्री पद का सपना नहीं देखता: नीतीश

प्रधानमंत्री पद का सपना नहीं देखता: नीतीशनई दिल्ली : देश का अगला प्रधानमंत्री कौन? इस मुद्दे पर चल रही बहस के बीच जनता दल (यू) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज स्पष्ट किया कि वह इस होड़ में नहीं हैं। उन्होंने साफ-साफ कहा कि गठबंधन के दौर में प्रधानमंत्री ‘किसी बड़े दल का’ ही होना चाहिए और वह ‘मनोनीत’ नहीं बल्कि मजबूत नेता होना चाहिए।

नई दिल्ली में आयोजित एक सम्मेलन में प्रधानमंत्री के पद को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में नीतीश ने स्पष्ट तौर पर कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री पद का सपना नहीं देखता हूं। मौजूदा राजनीति गठबंधन आधारित है और यह दौर बना रहेगा। एक पार्टी की सरकार नहीं बनेगी और प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी किसी बड़े दल को ही संभालनी चाहिए।’

एक तरफ जहां भाजपा में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की बात हो रही है, वही कांग्रेस में राहुल गांधी को लेकर चर्चा है। सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने भी प्रधानमंत्री पद की दावेदारी का संकेत देते हुए कहा है कि केंद्र में या तो उन्हें कांग्रेस की जरूरत पड़ेगी या फिर कांग्रेस को। हालांकि नीतीश ने कहा, ‘अभी किसी भी दल ने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की कोई घोषणा नहीं की है, इसलिए इस बारे में फिलहाल बहस की कोई जरूरत नहीं है।’

बहरहाल, उन्होंने यह भी कहा, ‘प्रधानमंत्री का पद महत्वपूर्ण है, अत: जो नेता हो वही जिम्मेदारी संभाले न कि किसी दूसरे को इस पद के लिये नामित किया जाए। शक्ति का दो केंद्र नहीं होना चाहिए।’ उल्लेखनीय है कि केंद्र में 2004 में कांग्रेस सोनिया गांधी की अगुवाई में जीतकर आयी थी लेकिन जब कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग सरकार का गठन हुआ तो प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी डॉ. मनमोहन सिंह को सौंपी गयी।

नीतीश कुमार ने कहा, ‘वह व्यक्तिगत तौर पर मनमोहन सिंह की इज्जत करते हैं और वह बेहद काबिल व्यक्ति हैं लेकिन उनका स्पष्ट तौर पर मानना है कि कोई नामित व्यक्ति प्रधानमंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी नहीं संभाले।’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘नामित व्यक्ति भी सरकार चला सकता है लेकिन ऐसी सरकारों घिसट-घिसट कर चलती है और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय होने में देरी होती है।’ उन्होंने आगे कहा कि सरकार के साथ राजनीतिक शक्ति वाला कोई व्यक्ति जब सत्ता संभालता है तो इससे लोगों का सरकार से जुड़ाव होता है।

संसद में कल बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर सपा और बसपा के रूख पर पूछे गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘जुगाड़ टेक्नोलाजी पर सरकार चल रही है।’ उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार की ‘बारगेन’ आधारित राजनीति सही नहीं है और उनका दल कभी इस तरीके की चीजों शामिल नहीं होगा।’

गौरतलब है कि बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति के खिलाफ विपक्ष के प्रस्ताव पर लोकसभा में मतदान के समय सपा और बसपा के सदन से बर्हिगमन कर गये। हालांकि दोनों दलों के नेताओं ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई का पुरजोर विरोध किया था। (एजेंसी)

First Published: Thursday, December 6, 2012, 15:58

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