Last Updated: Friday, June 1, 2012, 14:41

रत्नागिरी (महाराष्ट्र) : भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए केंद्र की ओर से पर्याप्त कोशिशें नहीं किये जाने पर निराशा जताते हुए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के अगुवा अन्ना हजारे ने कहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर मेरा भरोसा नहीं रहा।
जिले के दौरे के दौरान अन्ना ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर मेरा अटूट विश्वास था लेकिन अब मुझे उन पर यकीन नहीं रहा। अब हमें ऐसे लोगों को चुनकर संसद में भेजना है जिनका चरित्र अच्छा हो। ऐसा करके ही वह बदलाव लाया जा सकता है जिसकी हमें अपेक्षा है।’ उन्होंने अफसोस जाहिर किया कि पिछले 65 सालों के दौरान लोकसभा या विधानसभाओं की ओर से जनहित में एक भी कानून पारित नहीं हुआ।
अन्ना ने आरोप लगाया कि ज्यादातर सार्वजनिक कोषों का इस्तेमाल नेताओं और अधिकारियों की ओर से भ्रष्ट गतिविधियों के लिए किया जाता है। इसकी सिर्फ 10 फीसदी राशि विकास से जुड़े कामों में की जाती है। अन्ना ने सवालिया लहजे में कहा, ‘ऐसे हालात में हम किस तरह राष्ट्रीय विकास की अपेक्षा कर सकते हैं?’ अन्ना हजारे सशक्त लोकपाल विधेयक के सिलसिले में फिलहाल महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 1, 2012, 14:41