Last Updated: Thursday, May 16, 2013, 08:41

नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के संबंध में लगायी जा रही अटकलों के बीच पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि भीड़ बटोरने की क्षमता प्रधानमंत्री पद की योग्यता के लिए पर्याप्त नहीं है ।
भाजपा उपाध्यक्ष उमा भारती ने कहा कि लाल कृष्ण आडवाणी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तरह पार्टी के प्रमुख नेता है। हालांकि उन्होंने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया कि उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होना चाहिए।
एक साक्षात्कार में उमा ने कहा, ‘भाजपा के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा यह कई लोगों को मिल-बैठकर तय करना है । कई लोगों को लगता है कि एक उम्मीदवार होना चाहिए । अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी ऐसे नेता हैं जिनका इतना योगदान है कि वे किसी पद पर रहे या नहीं यह मायने नहीं रखता है । आडवाणी एक संत हैं ।’
मोदी के ‘लोकप्रिय’ होने के कारण उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर पार्टी के भीतर उठ रही आवाज के बारे में पूछने पर उमा भारती ने कोई जवाब नहीं दिया । उन्होंने कहा, ‘सिर्फ भीड़ जुटाने की क्षमता ही अर्हता नहीं हो सकती । भाजपा में कई ऐसे नेता हैं जो बड़ी भीड़ जुटा सकते हैं । मोदी उनमें से एक है, आडवाणी तथा सुषमा स्वराज भी । मैं भी भीड़ जुटा लेती हूं ।’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुनते हुए राजग, आम लोग और भाजपा कार्यकर्ताओं की राय भी लेनी चाहिए।
राजग सहयोगी जद (यू) द्वारा प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के धर्मनिरपेक्ष होने की मांग पर उमा भारती ने कहा कि उन्हें ऐसा कहने का अधिकार है । लेकिन हम सभी धर्मनिरपेक्ष हैं । नीतीश कुमार भी धर्मनिरपेक्ष हैं । (एजेंसी)
First Published: Thursday, May 16, 2013, 08:41