Last Updated: Thursday, February 21, 2013, 08:35

चेन्नई: डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि ने बुधवार को कहा कि सिंहलियों की मौकापरस्ती तथा श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को युद्ध अपराधी साबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र अथवा दुनिया को कहीं जाने की जरूरत नहीं है।
करुणानिधि ने अपने एक बयान में कहा कि इसके लिए किसी तरह के पृथक जांच की कोई आवश्यकता नहीं है। करुणानिधि ने कहा कि तमिल टाइगर्स के प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन के कोमल पत्ते के समान 12 वर्षीय बच्चे की हत्या से ही साफ प्रमाणित हो जाता है कि श्रीलंका में युद्ध अपराध हुए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दुनिया के किसी देश में इतनी जघन्य हत्या का कोई रिकार्ड नहीं है। सारी दुनिया श्रीलंका में हो रहे इन युद्ध अपराधों के खिलाफ निश्चय ही आवाज उठाएगी।
श्रीलंका पर आरोप लगाते हुए करुणानिधि ने कहा कि श्रीलंकाई सेना ने तीन फिट की दूरी से बालचंद्रन प्रभाकरन को गोली मारी जबकि दावा करती है कि वह गोलीबारी में मारा गया।
कुछ मीडिया रपटों में प्रभाकरन के 12 वर्षीय पुत्र बालचंद्रन की नजदीक से गोली मारकर हत्या किए जाने से ठीक पहले एक सैनिक बंकर में बैठे हुए तस्वीर प्रकाशित होने के एक दिन बाद करुनानिधि का यह बयान आया है।
बालचंद्रन की तस्वीर एक फिल्म `नो फायर जोन` का हिस्सा है, जिसे मई 2009 में श्रीलंका द्वारा तमिल लड़ाकों को कुचलने के लिए की गई सैन्य कार्रवाई के अंतिम चरण में किए गए मानवाधिकार उल्लंघनों को प्रदर्शित करने के लिए फिल्माया गया है।
श्रीलंका ने प्रभाकरन के पुत्र की सुनियोजित हत्या से इंकार किया है तथा अपनी पुरनी बात दोहराई है कि उसकी मौत लिट्टे तथा श्रीलंकाई सेना के बीच हुई गोलीबारी में हुई थी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, February 21, 2013, 08:14