`महाजन ने पहुंचाया टेलीकॉम कंपनियों को फायदा, 508 करोड़ का नुकसान`

`प्रमोद महाजन ने पहुंचाया टेलीकॉम कंपनियों को फायदा, 508 करोड़ का नुकसान`

`प्रमोद महाजन ने पहुंचाया टेलीकॉम कंपनियों को फायदा, 508 करोड़ का नुकसान` ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : एनडीए शासनकाल में टेलीकॉम कंपनियों को लाभ पहुंचाकर सरकारी खजाने को नुकसान की बात सामने आई है। इस खुलासे से यूपीए सरकार को विपक्ष पर हमला बोलने का एक नया मौका मिल गया है। तत्‍कालीन टेलीकॉम मंत्री प्रमोद महाजन पर टेलीकॉम कंपनियों का पक्ष लेने का आरोप है, जिसके चलते सरकारी खजाने को 508 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

भाजपा नीत एनडीए के शासनकाल में स्‍पेक्‍ट्रम आवंटन में अनियमितता को लेकर सीबीआई ने कानून मंत्रालय को एक नोट भेजा है, जिसमें कहा गया है कि तत्‍कालीन टेलीकॉम मंत्री दिवंगत प्रमोद महाजन ने एनडीए शासनकाल में अकारण जल्‍दबाजी में जानबूझकर स्‍पेक्‍ट्रम का आवंटन किया। सीबीआई ने कानून मंत्रालय से इस विषय पर राय मांगी है और चार्जशीट दाखिल करने के लिए भी राय मांगी है।

अंग्रेजी अखबार डीएनए (जिसके पास सीबीआई की उक्‍त रिपोर्ट है) की एक रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को कहा गया है कि सीबीआई की नोट में महाजन और टेलीकॉम मंत्रालय के कुछ वरिष्‍ठ अधिकारियों ने निजी टेलीकॉम कंपनियों (भारती सेल्‍युलर और हचीसन मैक्‍स बाद में वोडाफोन) का पक्ष लेकर सरकारी खजाने को 508 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।

हालांकि महाजन अब इस दुनिया में नहीं है, इसलिए भाजपा नेता का नाम सीबीआई के नोट में अभियुक्‍त के तौर पर जिक्र नहीं किया गया है। इस नोट में महाजन का नाम एक आरोपित व्‍यक्ति के तौर पर है, जिन पर चार्जशीट नहीं किया जा सकता है।

नोट में यह भी कहा गया है कि इस मामले में महाजन की ओर से बरती गई अकारण जल्‍दबाजी और उस समय के टेलीकॉम सचिव श्‍यामलाल घोष व अभियुक्‍त टेलीकॉम कंपनी भारती सेल्‍युलर लिमिटेड के बीच मिलीभगत इस अवधि के दौरान भारती टेली वेंचर्स लिमिटेड की आईपीओ को ध्‍यान में रखकर किया गया।

केंद्रीय जांच एजेंसी का मानना है कि महाजन ने 31 जनवरी, 2002 को अतिरिक्‍त स्‍पेक्‍ट्रम आवंटन का निर्णय लिया था। यह निर्णय कंपनी को फायदा पहुंचाने के उद्देश्‍य से इसलिए जल्‍दबाजी में लिया गया क्‍योंकि भारती टेलीवेंचर्स लिमिटेड का आईपीओ 28 जनवरी, 2002 को खुला और दो फरवरी, 2002 को बंद हुआ था।

First Published: Friday, December 7, 2012, 13:57

comments powered by Disqus