Last Updated: Sunday, September 9, 2012, 12:46
नई दिल्ली : सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण के लिए संसद के मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया जा चुका विधेयक अगर पारित हो जाता है तो यह 1995 से प्रभावी होगा।
विधेयक के अनुसार, अनुच्छेद 16 के प्रस्तावित खंड (4ए) को इसके मूल रूप में पेश किये जाने के समय से प्रभाव में आना जरूरी है जो कि 17 जून, 1995 से होगा। इसका आशय है कि सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को आरक्षण देने के मकसद से संविधान में संशोधन के बाद इस विधेयक के प्रावधान 1995 के प्रभाव से लागू होंगे।
संविधान संशोधन विधेयक का पारित होना फिलहाल संसद के शीतकालीन सत्र तक के लिए तो टल ही गया है। मॉनसून सत्र में सपा और शिवसेना के विरोध तथा कोलगेट मुद्दे पर राजग के हंगामे के कारण विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकी।
वर्ष 1955 से अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों को पदोन्नति में आरक्षण मिलता था लेकिन इंद्रा साहनी मामले में अदालत के फैसले के बाद इसे रोक दिया गया। तब इसे संविधान के अनुच्छेद 16 (4) की सीमा से परे बताया गया। इसके बाद संविधान (77वां संशोधन) अधिनियम, 1995 के जरिये संविधान में संशोधन किया गया और अनुच्छेद 16 में नया खंड (4ए) डाल दिया गया ताकि सरकार तरक्की में आरक्षण दे सके। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 9, 2012, 12:46