Last Updated: Wednesday, December 19, 2012, 23:53

नई दिल्ली : सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण के प्रावधान वाला विधेयक भले ही राज्यसभा से पारित हो गया हो लेकिन बुधवार को जब इसे लोकसभा में पेश किया जा रहा था तब जबरदस्त हंगामा हुआ। विधेयक का विरोध कर रही समाजवादी पार्टी (सपा) के एक सांसद ने इसे पेश कर रहे प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री वी. नारायणसामी के हाथों से इसकी प्रति छीन ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बीच बचाव करना पड़ा। हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
संविधान (में 117वां संशोधन) विधेयक, 2012 पेश करने से बाधित किए जाने के तत्काल बाद नारायणसामी ने कहा कि सरकार विधेयक को पारित कराने के लिए वचनबद्ध है और यह कहते हुए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का बचाव किया कि उन्होंने हाथपाई की स्थिति बिगड़ने से बचा ली। उन्होंने कहा कि सरकार अब गुरुवार को यह विधेयक पेश करेगी।
नारायणसामी चर्चा एवं पारित करने के लिए विधेयक को पेश करने ही जा रहे थे तभी सपा के सांसद यशवीर सिंह ने विधेयक की प्रति उनसे छीन ली। हालांकि इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सपा सांसद के हाथ से विधेयक की प्रतियां छीनने का प्रयास किया। तभी कांग्रेस सांसद विलास मुत्तेमवार ने सोनिया को मुसीबत में समझकर सपा सांसद को धक्का दे दिया।
जैसे ही कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने यशवीर को घेरा इससे हतप्रभ लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने तत्काल दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार इससे नाराज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विधेयक पर चर्चा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष के साथ उनके कक्ष में चली गईं। राज्यसभा ने सोमवार को ही विधेयक पारित कर दिया है।
संसदीय कार्य मंत्री कमल नाथ ने कहा कि उन्होंने संसद के प्रति निरादर वाली ऐसी घटना 32 वर्षो के दौरान कभी भी नहीं देखी। उन्होंने कहा कि सरकार लोकसभा अध्यक्ष से सपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगी।
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा, संसदीय लोकतंत्र के लिए आज का दिन दुखद है। सदन का एक हिस्सा कार्यवाही को बाधित करेगा और बहस को नहीं होने देगा। उनके अलग दृष्टिकोण हो सकते हैं लेकिन वे बहस एवं इसके खिलाफ मत दे सकते हैं। यदि आप सदन को चलने नहीं देंगे तो संसद कैसे काम करेगी।
नाथ ने कहा, सरकार गुरुवार को लोकसभा में विधेयक लाएगी। पार्टी की हठधर्मिता बहस में दिखनी चाहिए। आज जो भी हुआ वह संसदीय लोकतंत्र के लिए निराशाजनक है। राज्यसभा ने सोमवार को ही इस विधेयक को पारित कर दिया था।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि सरकार ने जिस तरह से विधेयक सदन में रखा है वह असंवैधानिक है। सदन स्थगित होने के बाद यादव ने कहा, हम विधेयक का विरोध जारी रखेंगे। यदि यह विधेयक पारित हो गया तो कनिष्ठ इसके बाद वरिष्ठ हो जाएंगे। इसे कौन सहन करेगा? हम इसे जनता के पास ले जाएंगे।
यद्यपि कांग्रेस ने मल्टीब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मौके पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की अपरोक्ष तौर पर सहायता करने वाली सपा पर सीधे हमला तो नहीं किया। लेकिन पार्टी ने विधेयक की प्रति खींचने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा, हम मुलायम सिंह से विधेयक पर किस तरह प्रतिक्रिया देने के लिए निर्देश दे सकते हैं? हमारी इच्छा है कि वह हमारे साथ वार्ता करें। हमें इस घटना के सदन में गठित होने पर दुख है।
नारायणसामी ने कहा, "सपा सदस्य ने विधेयक की प्रति छीनकर गलत किया। यह विशेषाधिकार का एक मामला है। मैडम (सोनिया गांधी) की प्रतिक्रिया से जाहिर होता है कि वह इस विधेयक के प्रति कितनी समर्पित हैं।"
नारायणसामी ने कहा, विधेयक पेश करने से पहले मैं प्रावधानों को पढ़ रहा था। सपा सदस्य कांग्रेस खेमे की तरफ से आए। मैं चकित रह गया। विधेयक की प्रति छीनने की उन्हें कोई जरूरत नहीं थी।
उन्होंने कहा कि विधेयक पेश हो चुका है और अब यह लोकसभा की सम्पत्ति है, जिस पर गुरुवार को चर्चा होगी। गुरुवार शीतकालीन सत्र का अंतिम दिन है।
इस बीच, आरक्षण सम्बंधी विधेयक को लेकर उत्तर प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों ने बुधवार को भी अपनी हड़ताल जारी रखी। हड़ताल की वजह से सरकारी कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह से ठप्प रहा। हड़तालियों ने बुधवार को भाजपा, बसपा और कांग्रेस के नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया।
हड़तालियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यालय के बाहर जमकर हंगामा किया। हड़तालियों ने भाजपा कार्यालय के बाहर से अंडे और टमाटर फेंककर अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान पुलिस भी मूकदर्शक बनकर खड़ी रही।
लखनऊ के सांसद लालजी टंडन, भाजपा नेता कलराज मिश्र के आवास के बाहर प्रदर्शन किया। इसके अलावा कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी के आवास के बाहर भी प्रदर्शन किया गया। बसपा कार्यालय के बाहर भी लोगों ने प्रदर्शन किया।
पदोन्नति में आरक्षण का समर्थन कर रही आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति से जुड़े कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने बुधवार को भी चार घंटे अधिक ड्यूटी की। उनका दावा है कि आंदोलन की वजह से सरकारी कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 19, 2012, 15:35