Last Updated: Friday, March 15, 2013, 20:35
नई दिल्ली : राज्यसभा में आज विभिन्न दलों के सदस्यों द्वारा मीडिया के नियमन के लिए एक प्राधिकार बनाए जाने की जरूरत पर बल दिए जाने के बीच सरकार ने कहा कि वह भारतीय प्रेस परिषद कानून में संशोधन पर विचार कर रही है ताकि इस संस्था को ज्यादा प्रभावी बनाया जा सके।
सरकार ने कहा कि संशोधन में प्रेस परिषद को किसी प्रकाशन का पंजीकरण तथा किसी संपादक या पत्रकार की मान्यता निलंबित करने का अधिकार दिए जाने के प्रावधान भी विचाराधीन हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने तेदेपा के वाई एस चौधरी द्वारा लाए गए एक निजी संकल्प पर हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि देश में कई ऐसे कानून हैं जिनसे मीडिया का प्रभावी ढंग से नियमन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि देश में मीडिया की अभिव्यक्ति के अधिकार और उसके नियमन के बीच का संतुलन बना रहे।
उन्होंने कहा कि विभिन्न सरकारों ने मीडिया के नियमन के लिए तमाम कानून बनाये हैं लेकिन उनको संतोषजनक ढंग से लागू किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मीडिया के क्षेत्र के मुद्दों से निबटने के लिए भारतीय प्रेस परिषद के पास पर्याप्त अधिकार हैं।
तिवारी ने कहा कि प्रेस परिषद को प्रभावी बनाने के लिए सरकार संबंधित कानून में संशोधन पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी पक्षों के साथ विचार विमर्श कर सहमति बनाने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संशोधनों में मीडिया को मिलने वाले सरकारी विज्ञापनों पर छह माह तक रोक लगाने का भी प्रस्ताव विचाराधीन है। साथ ही पत्रकार या संपादक की मान्यता तीन माह तक रद्द करने जैसे प्रस्ताव भी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने अनुभव से कह सकते हैं कि मीडिया भी अब एक उद्योग बन गया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, March 15, 2013, 20:35