Last Updated: Friday, April 13, 2012, 08:04
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने विगत 10 वर्षों में देश में पुलिस द्वारा पूर्व नियोजित मुठभेड़ में कथित तौर पर की गई हत्या के सभी मामलों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग करने वाली याचिका पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को अपना जवाब देने को शुक्रवार को कहा।
न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने केंद्र और राज्य सरकारों से गुजरात सरकार की ओर से दायर याचिका पर उन्हें नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा। गुजरात सरकार ने शीर्ष अदालत से फर्जी मुठभेड़ के सभी मामलों से एकसमान तरीके से निपटने का निर्देश देने की मांग की है। गुजरात सरकार ने आरोप लगाया है कि कुछ निहित स्वार्थी समूह मुठभेड़ में हुई हत्याओं को लेकर उसके पुलिस बल को चुनिंदा तरीके से निशाना बना रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि गुजरात सरकार देश में फर्जी मुठभेड़ के सभी मामलों से एक समान तरीके से निपटने के लिए इस न्यायालय से उचित निर्देश देने की मांग कर रही है। यह इस बात को सुनिश्चित करेगा कि मानवाधिकार की रक्षा करने के दौरान आतंकवाद उन्मुख गुजरात के पुलिस बल का मनोबल सिर्फ इसलिए नहीं गिरे कि कुछ निहित स्वार्थी समूह चुनिंदा तरीके से सिर्फ एक राज्य के पुलिस बल को निशाना बना रहे हैं। याचिका में सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को देशव्यापी एकसमान नीति बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है जिसमें निगरानी प्राधिकार, विशेष कार्यबल जैसी स्वतंत्र एजेंसी का प्रावधान हो, जैसा गुजरात सरकार ने सभी कथित फर्जी मुठभेड़ के मामलों की जांच के लिए किया है।
उसने कहा कि इस तरह का कदम आवश्यक है ताकि इस बात को सुनिश्चित किया जा सके कि फर्जी मुठभेड़ के बहाने सभी तरह की न्यायेतर हत्याएं रुकें जबकि आतंकवादी संगठनों और संगठित अपराधियों के खिलाफ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे ईमानदार पुलिस अधिकारियों का भी मनोबल न गिरे और अपने खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित होकर आरोप लगाए जाने के खतरे के तहत वे काम न करें। याचिका में कहा गया कि निगरानी प्राधिकार को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वह अपनी जांच रिपोर्ट शीर्ष अदालत के समक्ष रखे।
गुजरात सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि शीर्ष अदालत को एक कवायद शुरू करने की आवश्यकता है ताकि समूचे देश में वास्तविक परिदृश्य का परीक्षण किया जाए जिससे एक खास राज्य के साथ अलग तरह के बर्ताव को रोका जा सके, जहां मुठभेड़ में सबसे कम लोगों की मौत हुई है।
(एजेंसी)
First Published: Saturday, April 14, 2012, 00:32