Last Updated: Wednesday, February 1, 2012, 13:16
नई दिल्ली : एम्स में भर्ती दो साल की बच्ची फलक के मामले में बुधवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तारी के बाद फलक के केस को सुलझा लेने का दावा किया है। तीनों गिरफ्तारियां दिल्ली से की गई हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों का नाम जितेंद्र गुप्ता, पूजा और पंकज है। जितेंद्र फलक को लाने वाली बच्ची का पिता है। जानकारी के अनुसार, फलक के खून में संक्रमण है और उसके सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए भेजे गए हैं। इस समय फलक एम्स में भर्ती और जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है।
घायल अवस्था में अस्पताल लाई गई दो साल की बच्ची फलक की हालत काफी नाजुक है क्योंकि उसके मस्तिष्क और खून में संक्रमण हो गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के न्यूरोसर्जन डा. दीपक अग्रवाल ने बताया कि उसकी हालत अत्यंत गंभीर है क्योंकि उसके मस्तिष्क में संक्रमण हो गया है। इसकी वजह से उसके बचने की संभावना 50 फीसदी से भी कम हो गई है।
15 वर्षीय नाबालिग लड़की (बच्ची को लाने वाली) तब सुखिर्यों में आई जब उसने खुद को बच्ची की मां बताते हुए उसे इलाज के लिये एम्स ले आई । बच्ची फलक की कथित तौर पर उसी ने पिटाई की थी। लड़की ने अपने पिता पर शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था और अपने घर से लापता हो गई थी। वह राजकुमार के साथ फरार हो गयी जिसने दो महीने पहले फलक को उसे सौंपा था । एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने तीन लोगों - उसके पिता, एक महिला जिसने उसे देह व्यापार में ढकेला और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया है । उन पर उसे छोड़ने एवं देह व्यापार में ढकेलने सहित कई मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि राजकुमार अब भी फरार है।
बच्ची को भर्ती कराने वाली नाबालिग लड़की के मामले को देख रही बाल कल्याण समिति ने कहा था कि उसके पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि समिति का मानना है कि नाबालिग के पिता के खिलाफ अत्याचार और उत्पीड़न का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इसने यह भी सुझाव दिया कि चार लोगों के खिलाफ अलग से मामला दर्ज किया जाना चाहिए जिन्होंने नाबालिग लड़की का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया ।
समिति ने कहा कि एक काउंसलर से बात करने के बाद नाबालिग ने उनसे कहा कि उसके पिता अपने दो रिश्तेदारों की हत्या के आरोप में आठ वर्ष जेल में रहे । 18 जनवरी को अस्पताल लाए जाने के बाद फलक को गहन चिकित्सा कक्ष में रखा गया है। अब तक उसके तीन ऑपरेशन किए जा चुके हैं। जब उसे अस्पताल लाया गया था तो उसके शरीर पर काटे जाने के निशान थे। उसके सर पर गंभीर चोट थी, उसकी बांहें टूटी हुई थीं और गालों पर गर्म लोहे से दागे जाने के निशान थे। डा. अग्रवाल ने कहा कि रीढ़ की हड्डी से उसके मस्तिष्क में एकत्र हो चुका शेष पानी आज तड़के डॉक्टरों ने निकाला।
First Published: Wednesday, February 1, 2012, 22:28