Last Updated: Wednesday, November 21, 2012, 14:54

पुणे: पुणे की यरवदा जेल में बुधवार को मुंबई हमले के एकमात्र जीवित आरोपी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब को फांसी दिए जाने से ठीक पहले वह घबराया हुआ लग रहा था, लेकिन शांत था और उसने नमाज पढ़ी। एक जेल अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि उसके हावभाव से हमने यह अंदाजा लगाया कि वह बहुत घबराया हुआ था। हालांकि जब उसे फांसी पर चढ़ाने के लिए उसकी कोठरी से बाहर लाया गया तो वह शांत बना रहा।
कसाब ने नमाज पढ़ी और सवाल किया कि क्या उसके परिवार को उसकी फांसी के बारे में सूचना दी गई है, जिसपर जेल अधिकारियों ने सकारात्मक जवाब दिया।
मुंबई पर आतंकी हमले के लगभग चार वर्ष बाद कसाब को एक बेहद गोपनीय अभियान में यहां की यरवदा जेल में आज सुबह साढ़े सात बजे फांसी पर लटका दिया गया।
चार बरस पहले पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने देश की वाणिज्यिक राजधानी पर वहशियाना हमला कर 166 लोगों की जान ले ली थी। 26 नवंबर 2008 को हुए इस हमले की गिरफ्त से मुंबई को मुक्त कराने में 60 घंटे का समय लगा और इस दौरान नौ उग्रवादियों को मार गिराया गया। दसवां हमलावर अजमल कसाब जीवित पकड़ लिया गया। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 21, 2012, 14:29