Last Updated: Tuesday, July 16, 2013, 09:33

नई दिल्ली : कांग्रेस के ‘धर्मनिरपेक्षता का बुर्का’ पहन लेने के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा कि यह फासीवादियों की खाकी निकर से बेहतर है।
उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का बुर्का मेरी दृष्टि में 1920 के दशक के इतालवी फासीवादियों के खाकी निकर से बेहतर है। निकर असहिष्णुता और घृणा को प्रकट करता है, जिसे वह छिपाने का प्रयास नहीं कर रहे हैं। वह आरएसएस के प्रचारक थे। थरूर ने कहा कि बुर्का किसी खास धर्म के मत का प्रतिनिधित्व करता है जबकि खाकी निकर अन्य समुदायों के प्रति असहिष्णुता का प्रतिनिधित्व करता है।
उन्होंने फिक्की द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कोई किसी खास मत के प्रति खास रुख का प्रतिनिधित्व कर सकता है, दूसरा अन्य समुदायों और मतों के प्रति घृणा और असहिष्णुता का प्रतिनिधित्व करता है। वह गलत है। मोदी ने कांग्रेस पर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए ‘धर्मनिरपेक्षता का बुर्का’ पहनने का आरोप लगाया था। उन्होंने देश की शिक्षा व्यवस्था में खामियों को भी रेखांकित किया था।
मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री थरूर ने मोदी की इस बात का समर्थन किया कि भारत के किसी भी विश्वविद्यालय को दुनिया के शीर्ष 200 विश्वविद्यालयों में जगह हासिल नहीं है, लेकिन साथ ही उन्होंने विपक्ष पर संसद में उच्च शिक्षा में सुधार से संबंधित कई विधेयकों की राह में रोड़ा अटकाने का आरोप लगाया। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, July 16, 2013, 09:33