Last Updated: Saturday, June 1, 2013, 20:01
नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने सुझाव दिया है कि आईपीएल सहित पूरे क्रिकेट में ‘मैच फिक्सिंग और स्पाट फिक्सिंग’ जैसी समस्या से निपटने के लिए भारतीय दंड संहिता के तहत कानून बनाकर ऐसी घटनाओं में शामिल खिलाड़ियों, अंपायरों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
संघ के मुखपत्र ‘ऑर्गेनाइजर’ में छपे पूर्व क्रिकेटर और भाजपा के पूर्व सांसद चेतन चौहान के लेख में कहा गया, ‘मैच फिक्सिंग या ‘स्पाट फिक्सिंग’ में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत एक कानून बनाया जाए। इस कानून के तहत सभी खिलाड़ी, अधिकारी, अंपायर, संघों के अधिकारी और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों और उससे बाहर के लोगों को भी लाया जाए।
सुझावों में कहा गया कि खिलाड़ियों के सभी एजेंटों और मैनेजरों का बीसीसीआई और आईपीएल की गवर्निंग काउंसिल के साथ पंजीकरण होना चाहिए तथा खिलाड़ियों के आचरण की जिम्मेदारी आईपीएल टीमों के मालिकों और फ्रेंचाइज़ों की होनी चाहिए। अंतरराष्ट्रीय मैचों के मामलों में यह जिम्मेदारी बीसीसीआई की हो।
लेख में कहा गया कि केवल मैदान ही नहीं बल्कि होटलों, खासकर प्राइवेट पार्टियों में खिलाड़ियों, अधिकारियों और उसमें आने वाले मेहमानों की गतिविधियों पर नजर रखी जानी चाहिए। इसमें यह सुझाव भी दिया गया कि आईपीएल मैचों में 19 साल से कम उम्र के खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया जाए। इसमें केवल रणजी या उससे बड़ी प्रतिस्पर्धा में भाग ले चुके खिलाडियों को ही शामिल किया जाए। यह तर्क दिया गया कि इससे कम उम्र के खिलाड़ी अपरिपक्व होते हैं इसलिए किन्हीं बहकावों में आ सकते हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, June 1, 2013, 20:01