Last Updated: Saturday, February 18, 2012, 12:19
लखनऊ : मुस्लिम आरक्षण मुद्दे पर बयान पर चुनाव आयोग का नोटिस मिलने के तुरंत बाद ही केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के सुर बदल गए। उन्होंने शनिवार को कहा कि मुसलमानों का कोटा बढ़ाने वाला बयान उन्होंने जानबूझकर नहीं दिया था बल्कि उनकी जुबान फिसल गई थी।
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने बेनी प्रसाद को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आयोग ने बेनी को यह नोटिस चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में जारी किया है। बेनी प्रसाद ने कहा कि वह पिछले तीन-चार महीने से लगातार चार-पांच जनसभाओं को सम्बोधित कर रहे हैं और कभी-कभी वह किस संदर्भ में क्या बात कह जाते हैं इसका उन्हें ध्यान नहीं रहता।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में नोटिस पाने वाले बेनी प्रसाद दूसरे केंद्रीय मंत्री हैं। इससे पहले केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद को भी आयोग की ओर से नोटिस जारी किया गया था लेकिन बाद में उन्होंने आयोग से माफी मांग ली थी। बेनी प्रसाद ने बुधवार को एक जनसभा को सम्बोधित करने के दौरान ही आयोग को चुनौती दे डाली थी। उन्होंने कहा था, 'कांग्रेस सत्ता में आयी तो मुसलमानों को कोटे के भीतर कोटा दिया जाएगा। चाहे तो चुनाव आयोग इसके लिए मुझे नोटिस जारी कर दे।'
केंद्रीय चुनाव आयोग के पर्यवेक्षकों ने शनिवार को भाषण की सीडी का निरीक्षण करने के बाद बेनी प्रसाद को नोटिस जारी करने का फैसला लिया। बेनी को चुनाव आयोग के नोटिस को सही ठहराते हुए भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, 'आयोग ने सही कदम उठाया है। कांग्रेस के नेता लगातार संवैधानिक संस्थाओं की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।'
(एजेंसी)
First Published: Saturday, February 18, 2012, 17:49