फूड बिल के जरिए भारत के पास इतिहास बनाने का मौका: सोनिया गांधी

फूड बिल के जरिए भारत के पास इतिहास बनाने का मौका: सोनिया गांधी

फूड बिल के जरिए भारत के पास इतिहास बनाने का मौका: सोनिया गांधीनई दिल्ली: खाद्य सुरक्षा विधेयक को एक ‘इतिहास बनाने का अवसर’ बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को सभी दलों से पुरजोर अपील की कि वे आपसी मतभेदों को भुलाकर इस विधेयक को कानून की शक्ल लेने में सहयोग करें।

बहुप्रतीक्षित और संप्रग सरकार के महत्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा विधेयक पर लोकसभा में हो रही महत्वपूर्ण चर्चा में हिस्सा लेते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि आज एक ऐतिहासिक कदम उठाने का मौका आया है जिससे गरीब भाई बहनों की परेशानियां कम हो सकती हैं।

उन्होंने कहा, ‘यह एक बड़ा संदेश देने का समय है कि भारत अपने सभी देशवासियों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उठा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘हमने 2009 के चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि सभी वर्गो , खासतौर पर कमजोर तबके को पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध कराएंगे। आज हमें यह वादा निभाने की खुशी हो रही है।’

कुछ दलों द्वारा विधेयक के प्रावधानों और इसे लागू करने के लिए भारी बजटीय आवंटन की जरूरत को लेकर उठाए गए सवालों के जवाब में सोनिया गांधी ने कहा, ‘कुछ लोग सवाल उठाते हैं कि क्या हमारे पास साधन हैं ? सवाल ये नहीं है कि हमारे पास साधन हैं कि नहीं। सवाल साधनों का नहीं है। साधन जुटाने ही होंगे।’

उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग कहते हैं कि क्या ये किया जा सकता है? सवाल ये नहीं है कि क्या हम ये कर सकते हैं? हमें ये करना ही है।’ सोनिया ने कहा, ‘इस विधेयक के जरिए हमारे पास इतिहास बनाने का एक अवसर है। अत: मेरी विनम्र अपील है कि जनतांत्रिक प्रतिनिधियों के रूप में हम इस विधेयक को कानून की शक्ल दें।’

सोनिया गांधी ने हिंदी भाषा से शुरुआत कर अंग्रेजी में समाप्त किए अपने भाषण में कहा, ‘ आज एक ऐतिहासिक कदम उठाने का मौका आया है जिसकी मदद से गरीब भाई बहनों की परेशानियां हमेशा के लिए खत्म हो सकती हैं।’

उन्होंने इस विधेयक को संप्रग सरकार की ‘सशक्तिकरण क्रांति’ का एक हिस्सा बताते हुए विपक्ष से कहा कि इसमें कुछ कमियां हो सकती हैं और सरकार इसमें रचनात्मक सुझावों का स्वागत करेगी।

उन्होंने कहा, ‘यह विधेयक एक शुरुआत भर है। हम रचनात्मक सुझावों को सुनने के लिए तैयार हैं। हम अपने अनुभवों से सीखेंगे लेकिन हमें इसके लिए (विधेयक) अपने मतभेदों को एक तरफ रख देना चाहिए।’

सोनिया गांधी ने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में अनेक वर्गों को समृद्धि का लाभ मिला है। यह खुशी की बात है। लेकिन कुछ तबके इतने भाग्यशाली नहीं रहे।’ उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा,‘जो इस समृद्धि से दूर रहे हैं , उनके प्रति हमारी सरकारों की जिम्मेदारी क्या है? जो कम भाग्यशाली हैं, उनका इसमें कोई कसूर नहीं। वे कुपोषण का शिकार हैं।’

सोनिया ने कहा, ‘सदन के सामने आज यह ऐतिहासिक संदेश देने का समय आया है, जो बिल्कुल स्पष्ट है कि भारत अपने सभी देशवासियों के लिए खाद्य सुरक्षा की जिम्मेदारी ले सकता है। हमारा लक्ष्य पूरे देश में से भूख और कुपोषण को समाप्त करना है।’

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के कानून बनने से देश के लाखों लोगों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध होगी और इससे भूख की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी।

उन्होंने विधेयक को किसानों के हित में बताते हुए कहा कि कृषि और किसान संप्रग सरकार की नीतियों का प्रमुख अंग हैं। हमने उनकी जरूरतों को सबसे उपर रखा है। (एजेंसी)

First Published: Monday, August 26, 2013, 16:18

comments powered by Disqus